UP की अफसर बिटिया: इन स्कूलों की 7,500 बेटियां बनेंगी एक दिन की DM, सीडीओ, BSA, तहसीलदार
UP Government Initiative: चयन प्रक्रिया में उन बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जो अपनी निपुणता के लिए जानी जाती हैं और जिनमें लीडरशिप के गुण निखर कर सामने आ रहे हैं.
UP Ki Officer Bitiya: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की बेटियों के सशक्तिकरण के लिए एक खास कदम उठाया है. मिशन शक्ति के तहत परिषदीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की 7,500 बेटियों को एक दिन के लिए अधिकारी बनाने का निर्णय लिया है. हर जनपद से 100 बालिकाओं का चयन किया जाएगा, जिनमें निपुणता और नेतृत्व क्षमता को प्राथमिकता दी जाएगी. योजना तैयार है. यह पहल बेटियों को प्रशासनिक कामों और जिम्मेदारियों से अवगत कराने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करने वाली साबित होगी.
इसका उद्देश्य बालिकाओं को प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव देना और उनके आत्मविश्वास व नेतृत्व गुणों का विकास करना है. चयनित बालिकाएं डीएम, सीडीओ, बीएसए, खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार, डीआईओएस जैसे पदों पर एक दिन के लिए काम करेंगी. कासगंज की टॉपर भूमिका और संभल की शालू पहले ही इस योजना के तहत एक दिन की जिलाधिकारी बन चुकी हैं, जिन्होंने सफलतापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. सरकार का यह प्रयास बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में उनके योगदान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
चयन प्रक्रिया में उन बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जो अपनी निपुणता के लिए जानी जाती हैं और जिनमें लीडरशिप के गुण निखर कर सामने आ रहे हैं. इस कार्यक्रम में सभी जाति, वर्ग और कैटेगरी की बालिकाओं को समान अवसर प्रदान किया जाएगा. सरकार का यह प्रयास बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें प्रशासनिक कामों की जमीनी समझ देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
इस योजना के तहत चुनी गई बालिकाएं एक दिन के लिए सरकारी अधिकारियों की भूमिका निभाएंगी. वे न सिर्फ लोगों की समस्याओं की सुनवाई करेंगी, बल्कि उनके निस्तारण में भी सक्रिय भागीदारी निभाएंगी. यह अनुभव उन्हें निर्णय लेने की क्षमता और सामर्थ्य को निखारने में मदद करेगा, जो उनके भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा.
उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का कहना है कि इस योजना के माध्यम से हम बेटियों का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण करने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार के इस कदम से बालिकाओं में आत्मविश्वास तो आएगा ही, उन्हें भविष्य में एक श्रेष्ठ नागरिक बनकर समाज और देश सेवा की दिशा में अहम भूमिका निभाने की प्रेरणा भी मिलेगी. मिशन शक्ति के माध्यम से सरकार की यह पहल उन बालिकाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अपनी नेतृत्व क्षमताओं को पहचानना चाहती हैं और समाज में बदलाव लाने की आकांक्षा रखती हैं.
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद संभल जिले के बहजोई स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्रा शालू और कासगंज जिले की टॉपर छात्रा कुमारी भूमिका को एक दिन के लिए सांकेतिक रूप से जिलाधिकारी बनाया जा चुका है. इस दौरान शालू ने मिशन शक्ति की बैठक का सफलतापूर्वक संचालन किया, अधिकारियों का परिचय लिया और मिशन शक्ति के कार्यों की रूपरेखा पर निर्देश दिए थे तो कासगंज की टॉपर भूमिका ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान, और स्वावलंबन के लिए चलाए जा रहे मिशन शक्ति फेज-5 के तहत अधिकारी बन कासगंज तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में एक दिन का जिलाधिकारी बन जनसमस्याओं की सुनवाई की और उनके समाधान के निर्देश दिए.
इसी तरह से चित्रकूट स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्रा मनोरमा पटेल को भी एक दिन के लिए सांकेतिक रूप से डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) बनाया गया था. मनोरमा ने इस दौरान अधिकारियों की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और विभिन्न मामलों की समीक्षा की. इसके अलावा केजीबीवी की बालिकाओं को मुख्य विकास अधिकारी, जिला पिछड़ा एवं कल्याण अधिकारी और खंड विकास अधिकारी के रूप में भी एक दिन का अधिकारी बनने का अवसर मिल चुका है. बता दें कि चित्रकूट जनपद की पारो नाम की छात्रा को भी एक दिन का बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) बनाया गया था, जिस दौरान पारो ने भी इन बालिकाओं की तरह विभागीय सुनवाई जैसे कार्यों का निर्वहन किया और उनके समाधान के निर्देश दिए.
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इनपुट आईएएनएस से