Robert Oppenheimer: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने परमाणु बम के निर्माण की परियोजना तैयार की, जिसके मुखिया भौतिविद जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर को चुना गया. यह प्रोजेक्ट सफल रहा और जापान पर परमाणु बम गिराने के बाद जंग औपचारिक तौर पर खत्म हो सकी. न्यूक्लियर बम प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाने वाले ओपेनहाइमर के नाम पर बनी फिल्म ने इन दिनों पूरी दुनिया में गर्दा उड़ा रखा है.


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मशहूर हॉलीवुड फिल्म निर्माता क्रिस्टोफर निलोन ने ओपेनहाइमर फिल्म बनाई है, जो कौतूहल जगाने के लिए काफी. आखिर कौन थे ओपोनराइमर, कितनी थी इतनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और उपलब्धियां? आइए यहां जानते हैं सब कुछ...


जर्मन यहूदी परिवार से था नाता 
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक  यहूदी परिवार में 22 अप्रैल 1904 को रॉबर्ट ओपेनहाइमर का जन्म हुआ था. उनके पिता जूलियस सिलीग्मैन ओपेनहाइमर एक सफल कपड़ा आयातक और मां पेंटर थीं. रॉबर्ट के दादा साल 1888 में जर्मनी से अमेरिका आए थे, उस समय न तो उनके पास पैसे थे और न ही उन्हें इंग्लिश बोलना आती थी. बावजूद इसके वह एक टेक्सटाइल कंपनी में नौकरी करते हुए केवल एक दशक के अंदर ही अमीर व्यक्तियों में गिने जाने लगे. रॉबर्ट के अलावा उनके छोटे भाई फ्रैंक भी भौतिकविद थे.


इतनी छोटी उम्र में हासिल की पीएचडी की डिग्री
रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री पढ़ने के बाद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और जर्मनी की गोडिनजन यूनिवर्सिटी में सैद्धांतिक भौतिकी का अध्ययन किया. उन्होंने महज 23 साल की छोटी सी उम्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल कर ली थी. फिर रॉबर्ट भौतिकी पढ़ाने के लिए अमेरिका लौट गए.


ओपेनहाइमर ने बर्केले के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाने के साथ ही ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारे पर भी रिसर्च की थी. ओपेनहाइमर ने 1930 के दशक के शुरू में ही संस्कृत सीख ली थी. उन्होंने गीता और कालिदास रचित मेघदूत पढ़ी थी. वे गीता के प्रशंसक थे.