IAS Success Story Arnav Mishra: जब आपने ठान लिया तो समझो हो गया! आज हम आपको एक ऐसी स्टोरी बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आप कहेंगे वाह, जिद हो तो ऐसी! यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए हम एक मोटिवेशन के बारे में बता रहे हैं. हम बात कर रहे हैं अरनव मिश्रा की. सरकारी अफसर बनने के लिए कैंडिडेट्स दिन रात मेहनत करते हैं. आखिर करें भी क्यों न वो देश की टॉप सरकारी नौकरी के लिए जो मेहनत कर रहे होते हैं. 


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यूपीएससी की तैयारी के साथ साथ कैंडिडेट्स दूसरे एग्जाम भी देते रहते हैं. इसमें स्टेट लेवल के एग्जाम और अलग अलग मंत्रालयों में निकली नौकरियां भी शामिल होती हैं. ऐसा ही कुछ हुआ यूपीएससी की तैयारी करने वाले अरनव मिश्रा के साथ. अरनव एक पढ़े लिखे परिवार से ताल्लुक रखते हैं. अरनव की बड़ी बहन ही उनका मोटिवेशन हैं. अरनव की बड़ी बहन आरुषि मिश्रा भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी हैं. आरुषि ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 229 वी रैंक हासिल की थी. वहीं अरनव के जीजाजी चर्चित गौड़ भी उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी हैं.


अरनव की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने आईआईटी जोधपुर से इंजीनियरिंग की है. अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्होंने तय किया कि सिर्फ इंजीनियर बनने से ही काम नहीं चलेगा. इसलिए उन्होंने तय किया कि उन्हें एक बड़ा सरकारी अफसर बनना होगा और उसके लिए उन्होंने तय कर लिया कि वह अब यूपीएससी की तैयारी करेंगे. 


यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए इस बात की गारंटी नहीं होती कि उनको सफलता मिल ही जाएगी. IAS अरनव मिश्रा ने यूपीएससी के साथ ही यूपीपीसीएस के लिए भी आवेदन किया था. 


उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की तो और एग्जाम दिया, लेकिन जब एग्जाम का रिजल्ट आया तो उसमें सफलता नहीं मिली थी. इसके कुछ दिन बाद जब रिजर्व लिस्ट आई तो उसमें अरनव का सेलेक्शन हो गया था. मतलब अरनव के आईएएस अफसर बन गए थे. यूपीएससी के रिजल्ट के ठीक 9 दिन बाद यूपीपीसीएस का रिजल्ट आया और इसमें अरनव की 16वीं रैंक आई और पद मिला SDM का.


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