First Electric Train of India: इंडियन रेलवे ने देश की तरक्की में अहम योगदान निभाया है. आजादी के पहले से लेकर अब कर इसमें कई तरह के बदलाव हुए हैं. परिवहन के इतने साधनों के बीच आज भी देश के ज्यादातर लोग रेलवे से ही यात्रा करना पसंद करते हैं. इसी क्रम में आज हम बात करने जा रहे हैं कि भारत की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन के बारे में आइये जानते हैं. आइए जानते हैं हमारे देश में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन कब और कहां से चली थी...


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कब चली थी पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन? 
भारत में पहली बिजली से चलने वाली ट्रेन 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे वीटी (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) और कुर्ला हार्बर के बीच चली थी. इस रेलगाड़ी को 1500 वोल्ट डीसी (डायरेक्ट करंट) पर इलेक्ट्रिफाइड किया गया था. इसे तत्कालीन बॉम्बे गवर्नर सर लेस्ली विल्सन ने हरी झंडी दिखाई थी. देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन के लिए लोकोमोटिव का निर्माण कैमेल लैयर्ड और उर्डिंगेन वैगनफैब्रिक (वैगन फैक्ट्री) ने किया था.


इसके बाद नासिक के इगतपुरी जिले और पुणे तक बिजली लाइन का विस्तार किया गया. 5 जनवरी 1928 को कोलाबा और बोरीवली के बीच पश्चिम रेलवे के उपनगरीय खंड पर 1500 वोल्ट डीसी ट्रैक्शन शुरू किया गया था. इसके बाद 15 नवंबर 1931 को मद्रास बीच और दक्षिण रेलवे के तांबरम के बीच किया गया था. इस प्रकार देश की आजादी से पहले ही यहां 388 KM डीसी इलेक्ट्रिफिकेशन था.


रेलवे से जुड़े महत्वपूर्ण फैक्ट्स


  • आजादी के बाद के पहली पंचवर्षीय योजना के दौरान 3000 वोल्ट डीसी पर पूर्व रेलवे के हावड़ा-बर्दवान खंड के विद्युतीकरण का कार्य 1958 में पूरा किया था.

  • रेलवे ने दूसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान 25 kV AC ट्रैक्शन पर 216 रूट किलोमीटर (RKM) का विद्युतीकरण पूरा किया.

  • तीसरी योजना के दौरान स्वदेशीकरण के साथ विद्युतीकरण को अन्य 1678 RKM में विस्तारित किया गया था.

  • 7वीं योजना के दौरान 2812 RKM, 8वीं योजना के दौरान 2708 RKM, 9वीं योजना के दौरान 2484 RKM, 10वीं योजना के दौरान 1810 RKM और 11वीं योजना में 4556 RKM की रिकॉर्ड प्रगति हासिल की थी.

  • 12वीं योजना में भारतीय रेलवे ने 6244 RKM विद्युतीकरण हासिल किया

  • रेलवे ने 1957 में SNCF के साथ 25 kV AC विद्युतीकरण प्रणाली को मानक के रूप में अपनाने का फैसला लिया.

  • साल 1960 में 25 kV AC सिस्टम पर विद्युतीकरण किया जाने वाला पहला खंड दक्षिण पूर्व रेलवे का राज खरस्वां-डोंगोपोसी एरिया था.

  • पूर्व रेलवे के हावड़ा - बर्दवान खंड और दक्षिण रेलवे के मद्रास बीच - तांबरम खंड को 1968 तक 25 kV AC प्रणाली में बदला गया था.

  • साल 1960 में स्वदेशी रूप से चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में इलेक्ट्रिक इंजनों का उत्पादन शुरू किया गया. बॉम्बे एरिया लोकमान्य के लिए पहले 1500 V DC इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने 14 अक्टूबर 1961 को हरी झंडी दिखाई थी.