IAS Jagrati Awasthi Success Story: मध्यप्रदेश की जागृति अवस्थी को साल 2020 में सिविल सेवा परीक्षा में सेकेंड रैंक हासिल हुई. जागृति ने भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) में काम करने लगीं, लेकिन सपना था आईएएस ऑफिसर बनने का. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जॉब छोड़ दी और यूपीएसी तैयारी में जुट गईं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जागृति ने जब पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी तो उनकी स्ट्रैटजी काम नहीं आई. वे प्री भी पास नहीं कर सकीं. रिजल्ट आने के बाद निराश होने की बजाय उन्होंने दूसरी स्ट्रैटजी और अधिक मेहनत पर फोकस किया. जिसका नतीजा उन्हें दूसरी प्रयास में दिखा. 


जागृति इस एग्जाम को क्वालिफाई करने के लिए हर दिन 12 से 14 की पढ़ाई करती थीं. उन्होंने वीक सेक्शन पर फोकस किया और ज्यादा से ज्यादा सिलेबस को कवर करने का प्लान बनाया. परीक्षा पास आने पर उन्होंने अपनी पढ़ाई के घंटें को और बढ़ाया और बाकी चीजों से ध्यान हटाकर मॉक टेस्ट और रिवीजन पर फोकस किया.


जागृति अवस्थी ने दिल्ली की एक कोचिंग से तैयारी भी शुरू की लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें अपने घर भोपाल वापस आना पड़ा. उनकी फैमिली में माता-पिता के अलावा एक भाई भी है. जागृति के पिता एससी अवस्थी होमियोपैथ के डॉक्टर हैं और मां स्कूल टीचर थीं. बेटी के सपने पूरे हो सके, इसके लिए मां ने जॉब छोड़ दी और बेटी की तैयारी में मदद की.


जब तक जागृति की पढ़ाई चलती रही, घर में न टीवी चलते थे और ना ही कुछ और. पैरेंट्स ने बेटी का हौसला बढ़ाया और हर कदम पर साथ दिया. इधर जागृति भी अपनी स्ट्रैटजी के अनुसार पढ़ाई कर रही थीं. इसका नतीजा रहा कि जब दूसरे प्रयास में एग्जाम में शामिल हुईं तो टॉपर बनकर निकलीं. उनकी ऑल इंडिया रैंक 2 थी.