Interesting facts : इंद‍िरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी के साथ सात फेरे लेने से पहले मेनका गांधी, मेनका आनंद थीं. वो एक पूर्व ब्यूटी क्वीन, एक फैशन मॉडल और दिल्ली विश्वविद्यालय की एक युवा छात्रा थीं.  मेनका की मुलाकात संजय गांधी से उनकी रिश्तेदार वीनू कपूर की एक पार्टी में हुई थी. दोनों में बातचीत शुरू हुई और कुछ द‍िनों तक उनकी मुलाकातों का स‍िलस‍िला चलता रहा और आख‍िर में उन्‍होंने शादी करने का फैसला क‍िया. संजय गांधी ने ही उन्हें पहली बार इंदिरा गांधी से मिलवाया था, जो उस समय भारत की प्रधानमंत्री थीं और अपनी सख्त छवि के लिए जानी जाती थीं. 


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खैर, मेनका गांधी और कई मीड‍िया र‍िपोर्ट्स के अनुसार, इंदिरा गांधी ने उन्हें केवल इसलिए स्वीकार किया क्योंकि वह अपने बेटों से प्‍यार करती थीं. दूसरे शब्दों में, उन्होंने अपने बेटे की खातिर उन्हें स्वीकार किया. मेनका गांधी हमेशा अपने स्वतंत्र विचारों के लिए जानी जाती थीं. उनका लालन-पालन एक सिख लेकिन उदार परिवार में हुआ था, जिसकी पृष्ठभूमि सेना से जुड़ी हुई थी. दूसरी ओर, गांधी-नेहरू परिवार में हमेशा आज्ञाकारी बहुएं रहीं, जो स‍िर्फ बैकग्राउंड में रहीं. 


आपातकाल और जनता पार्टी सरकार के शासन के दौरान संजय गांधी एक शक्तिशाली राजनीतिक व्यक्ति बन गए और उन्हें कांग्रेस पार्टी का वास्तविक नेता घोषित कर दिया गया.  स्वाभाविक रूप से, यह मेनका गांधी ही थीं, जिन्होंने अपने पत‍ि के साथ खूब सुर्खियां बटोरीं. 


फ‍िर अचानक, संजय गांधी की एक दुखद हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई. इसके बाद खैर, इंदिरा गांधी ने मेनका गांधी को निजी सचिव की भूमिका दे दी. उसके बाद पार्टी का काम भी देने लगीं. लेक‍िन कुछ समय के बाद ही उन्‍होंने अपना मन बदल ल‍िया.  


एक प्रसिद्ध पत्रकार और गांधी और आनंद के पारिवारिक मित्र खुशवंत सिंह (देहांत हो गया) ने अपने संस्मरणों में बताया कि क्‍योंक‍ि इंद‍िरा गांधी को अल्‍टरनेट‍िव पावर पसंद नहीं थी, इसलिए उन्होंने मेनका गांधी को धीरे-धीरे गांधी परिवार और पार्टी की राजनीति से अलग कर दिया. 


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दूसरी ओर, सोनिया गांधी सालों तक बैकग्राउंड में रहीं. फिर भी, वे गांधी परिवार की रसोई, गांधी की पर्सनल जरूरतों आदि की प्रभारी थीं.  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अपने पति (राजीव गांधी) के पॉल‍िट‍िक्‍स में एक्‍ट‍िव रहने का कड़ा विरोध किया था. इस बात को इंद‍िरा गांधी जानती थीं और उन्‍हें ये बात पसंद भी आती थी. इंद‍िरा गांधी को सोन‍िया का विनम्र, लेकिन देखभाल करने वाला स्वभाव पसंद था और इसल‍िए वो सोन‍िया गांधी की काफी तारीफ करती थीं. 


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