Haryana Boy Becomes International Pilot: जब बच्चे थोड़े बड़े होते हैं तो अपने मन की करने लगते हैं. तो कई बार लोग कह देते हैं कि तेरे बहुत पंख लग रहे हैं ज्यादा हवा में उड़ रहा है. इस कहावत को 19 साल के एक लड़के ने सच कर दिखाया है. इसके छोटी सी उम्र में ही पंख लग गए और पूरी दुनिया घूम डाली. 


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हम बात कर रहे हैं हरियाणा के 19 साल के उस लड़के की जिसने छोटी सी उम्र में पायलट बनकर पूरी दुनिया नाप डाली है. इस लड़के का नाम है प्रमोद कुमार अग्रवाल. प्रमोद हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतिया के रहने वाले हैं. जैसे ही प्रमोद के पिता को इस बात का पता चला कि उनका बेटा पायलट बन गया है. उनका सर गर्व से ऊंचा हो गया. प्रमोद के पिता उपेंद्र अग्रवाल सोनू ने ट्वीट किया, 'आपके पिता होने पर गर्व है. शाबाश पायलट प्रमोद अग्रवाल तुमने पूरे परिवार का सपना पूरा किया है.'


प्रमोद को सात समंदर पार विदेश की धरती पर पायलट बनने का गौरव हासिल हुआ है. बेटा पायलट बन गया है इसकी खबर जब घरवालों को हुई तो उन्होंने कहा होनहार बेटे की मेहनत के कारण ही आज उनका सपना साकार हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय तौर पर उड़ान भरने की उपाधि मिलने की सूचना जैसे ही मिली तो घर पर बधाई देने वालों की लाइन लग गई.


कैसे मिली सोलो फ्लाइंग की स्टीप
अब आपको बताते हैं इस प्रमोद कुमार के पायलट बनने की कहानी, प्रमोद के पिता के मुताबिक पहले फेज में उन्हें सोलो फ्लाइंग की स्टीप मिली थी. इसका मतलब होता है कि पायलट अकेल फ्लाइंग कर सकते हैं. प्रोटोकॉल होता है कि जब कोई पायलट पहली बार अकेले फ्लाइट उड़ाता है तो उस जहाज और पायलट पर फ्लाइंग के बाद पानी की बौछारों से नहलाया जाता है. इसके ठीक एक महीने बाद उन्हें दूसरी स्टीप के तहत PPL लाइसेंस मिला था. दूसरी स्टीप मिलने के बाद तीसरी स्टीप मिलने में 6 महीने के वक्त लगा. तीसरी स्टीप के बाद अब फाइनल स्टीप की बारी थी मतलब चौथी स्टीप. फोर्थ स्टीप और कैप करीब एक साल बार मिली. इसके बाद करीब 1500 घंटे की फ्लाइंग के बाद अंतर्राष्ट्रीय तौर पर उड़ान भरने की उपलब्धि मिली.


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