Manoj Maharia Success Story: यूपीएससी सीएसई 2022 के नतीजे घोषित होने के बाद से हर उस यूपीएससी एस्पिरेंट के घर-परिवार में खुशी का माहौल है, जिन्होंने इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया है. लाखों यूपीएससी एस्पिरेंट में से केवल सैकड़ों ने ही सफलता का स्वाद चखा. इनमें से राजस्‍थान के मनोज महरिया ने यूपीएससी सीएसई 2022 में 628 वां स्थान हासिल कर अपने गांव का नाम रोशन किया है. मनोज एक रणजी क्रिकेट प्‍लेयर रह चुके हैं. आइए जानते हैं कि कैसे मनोज ने अपनी सफलता का सफर तय किया और मंजिल हासिल की. 


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इस वजह से छोड़ दिया क्रिकेट खेलना
सीकर राजस्‍थान के गांव कूदन के रहने वाले मनोज इस समय सोशियोलॉजी से मास्टर्स कर रहे हैं. उन्होंने 10वीं क्लास तक की पढ़ाई गांव के स्‍कूल से ही की. इसके बाद सीकर से 12वीं की पढ़ाई कंप्लीट की. इसके बाद उनका रुझान क्रिकेट की तरफ ज्यादा हुआ और उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. जानकारी के मुताबिक मनोज एक रणजी क्रिकेट प्‍लेयर रह चुके हैं.


मनोज के क्रिकेट छोड़ने के पीछे वजह यह है कि साल 2018 में उन्हें एक इंजरी हुई थी. इसके बाद वह वापस पढ़ाई की तरफ बढ़े और उन्‍होंने कई सरकारी जॉब्स के एग्‍जाम भी क्लियर किए, लेकिन उन्हें स्तुष्टि नहीं मिली वह और बेहतर के प्रयास में जुटे रहे. 


जिम्मेदारी निभाते हुए मनोज ने की यूपीएससी की तैयारी
मनोज के पिताजी राजेंद्र मेहरिया इस दुनिया में नहीं है. ऐसे में मनोज तीन बहन-भाइयों में सबसे बड़े होने की पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. मनोज ने अपने पिता का सपना पूरी किया तो उनके परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.


इसके बाद कोरोनाकाल में हुए लॉकडाउन के समय उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी. बकौल मनोज वह कोचिंग में पढ़ने में कंफर्टेबल नहीं थे, इसलिए खुद से ही पढ़ाई की और यूपीएससी अच्‍छी रैंक से क्रैक कर लिया है, लेकिन वह आईएएस बनना चाहते हैं. इसलिए 2023 का एग्‍जाम भी देंगे. 


मनोज की सफलता शहरवासी भी हैं खुश
उनके यूपीएससी क्लियर करने की खबर जैसे ही गांव में फैली, ग्रामीणों ने मनोज और उनके परिवार का मुंह मीठा करा कर खूब बधाई दी. उन्‍होंने तैयारी में जुटे युवाओं को सलाह देते हुए कहा, "कहीं से भी मिल रही जानकारी को कंज्‍यूम न करें. अपने सोर्सेज़ को लिमिटेड रखें ताकि कंफ्यूज़न न हो. तैयारी के दौरान रिश्‍तेदारी और शादियां छोड़ने पड़ते हैं, लेकिन सेलेक्‍शन के लिए इतनी कीमत चुकाना जरूरी है."