कनाडा सरकार के एक फैसले की वजह से भारतीय छात्रों के कनाडा में पढ़ाई का सपना अधूरा रह सकता है. दरअसल, कनाडा अगले साल यानी 2025 के ल‍िए अंतरराष्‍ट्रीय छात्रों के एजुकेश परम‍िट सीमा में कटौती कर रहा है. उसने घोषणा की है क‍ि वह इसमें 10 फीसदी की कटौती करेगा. इस बात को आसान भाषा में इस तरह समझें क‍ि कनाडा अब तक ज‍ितने व‍िदेशी छात्रों को देश में आकर पढाई करने की अनुमत‍ि देता था, उसमें अब 10 फीसदी की कमी करेगा. कनाडा के इस फैसले का भारतीय छात्रों पर ज्‍यादा असर होगा, क्‍योंक‍ि कनाडा से पढाई करने वाले व‍िदेशी छात्रों में 40 फीसदी सिर्फ भारत के छात्र हैं.  


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साल 2024 तक कनाडा में व‍िदेशी छात्रों की सीमा 485,000 थी, ज‍िसमें 10% की कटौती की जाएगी. इस कटौती के बाद साल 2025 के लिए 437,000 स्‍टडी परमिट जारी होंगे. साल 2023 में, व‍िदेशी छात्रों के लिए स्‍टडी परमिट की संख्या 500,000 के उच्च स्तर पर थी. 


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र‍िपोर्ट्स की मानें तो साल 2026 में भी 2025 के समान ही परम‍िट द‍िये जाएंगे. इसमें मास्‍टर और डॉक्‍टरेट के स्‍टूडेंट भी शाम‍िल होंगे, ज‍िनको अब प्रांतीय या प्रादेशिक सत्यापन पत्र पेश करना होगा. 


भारतीय छात्रों पर क्‍या होगा असर : 
इस कटौती का कनाडा में पढ़ने वाले सभी व‍िदेशी छात्रों पर होगा, लेक‍िन भारतीय स्‍टूडेंट्स पर ज्‍यादा होगा क्‍योंक‍ि इनमें से लगभग 40% भारतीय छात्र हैं. नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) के अनुसार, साल 2013 और 2023 के बीच, कनाडा में बसने वाले भारतीयों की संख्या 32,828 से बढ़कर 139,715 हो गई, जो 326% की वृद्धि है.  पिछले दो दशकों में कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीयों के एड‍म‍िशन में 5,800% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो साल 2000 में 2,181 से बढ़कर 2021 में 128,928 हो गई है. भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 13.35 लाख भारतीय छात्र विदेश में पढ़ रहे हैं, जिनमें से लगभग 427,000 कनाडा में पढ़ रहे हैं.