IAS Vikas Mishra: मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में आईएएस अफसर और कलेक्टर का एक अलग ही रूप देखने को मिला. गांव की एक महिला ने जब सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की तो कलेक्टर ने उनके हाथ पर अपना फोन नंबर लिखकर कहा कि काम न होने पर इस नंबर पर फोन करना. इस दौरान डीएम कहते नजर आए कि, ''आपके पास मोबाइल है? यह मेरा नंबर है, गांव में जिसके पास भी मोबाइल है, लिखवा लें, आज गांव आएंगे अधिकारी..."


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आईएएस विकास मिश्रा को हाल ही में मध्य प्रदेश क डिंडोरी जिले का कलेक्टर बनाया गया है. आईएएस विकास मिश्रा 2013 बैच के अधिकारी हैं. पहले यह उप सचिव थे. वहीं विकास मिश्रा से पहले डिंडोरी के कलेक्टर रत्नाकर झा थे. उन्हें कुछ शिकायतों के चलते हटाया गया है और मंत्रालय में उप सचिव बनाया गया है. 


दरअसल डिंडोरी कलेक्टर अपने नगर परिषद कर्मचारियों के साथ सुबह नर्मदा किनारे निरीक्षण करने पैदल निकले थे. वहीं, लकड़ी बेचने वाली बैगा आदिवासी महिला से कलेक्टर ने सरकारी योजनाओं की जानकारी ली. गोपालपुर निवासी महिला ने बताया कि उसे किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. कलेक्टर ने तत्काल नगर परिषद सीईओ को योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये. साथ ही कलेक्टर ने महिला के हाथ पर अपना मोबाइल नंबर लिखकर आश्वासन दिया कि आज अधिकारी गांव आएंगे.


नगर परिषद भ्रमण के दौरान एक महिला ने कलेक्टर विकास मिश्रा से अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि एक सरकारी कर्मचारी ने उससे नक्शा और खसरा के नाम पर तीन हजार रुपये की रिश्वत ली. इससे कलेक्टर भड़क गए और उन्होंने तुरंत परिषद के सीएमओ को फोन कर महिला के पैसे वापस दिलाने के निर्देश दिए.


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