महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की वोटिंग प्रभावित करने के लिए देसी लोगों की मदद से विदेशी फंडिग का खुलासा हुआ है. फंडिग भी कोई वोटरों को बांटने वाले 500-1000 रुपयों की नहीं बल्कि पूरे 100 करोड़ से ज्यादा कीय चौंकिए नहीं ये वो सच्चाई है जिसका खुलासा पुलिस और जांच एजेंसियों ने किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक खातों के दुरुपयोग से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में मालेगांव के एक व्यापारी के खिलाफ चुनावी राज्य महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्य गुजरात में बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर छापेमारी की. व्यापारी पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए विभिन्न लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग करने का आरोप है. संघीय एजेंसी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत महाराष्ट्र के मालेगांव, नासिक और मुंबई तथा गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में 23 ठिकानों पर छापेमारी रही है.


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वोट जिहाद का खुलासा


ज़ी न्यूज़ की पड़ताल के बाद इस खेल का खुलासा हुआ था. इसी कड़ी में अब मालेगांव में वोट जिहाद के ख़िलाफ़ ED की कार्यवाई हुई है. दरअसल ED को शिकायत मिली थी मालेगांव का सिराज अहमद इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड है. जिस पर आरोप है कि उसने विदेशों से मिली फंडिंग को कई जगह ट्रांसफर कराया और महाराष्ट्र चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की. बीजेपी के नेता किरीट सोमैया ने भी इस मामले को लेकर ED और CBI समेत देश की कई जाँच एजेंसियों को लिखित शिकायत की थी. आरोप है की बीते एक महीने में 200 बैंक एकाउंट्स में 2500 ट्रांजेक्शन कर पैसों की लेनदेन की गई है. गरीब और किसानों के बैंक अकाउंट्स खुलवा कर 125 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है.


पूरा मामला समझिए


महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीट के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होना है. धनशोधन का मामला पिछले सप्ताह मालेगांव पुलिस द्वारा सिराज अहमद हारुन मेमन नामक एक स्थानीय व्यापारी के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से संबद्ध है, जो अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर चाय और कोल्ड ड्रिंक्स की एजेंसी भी संचालित करता है.


इस मामले में एक व्यक्ति ने शिकायत की है जिसके बैंक खाते का कथित तौर पर अवैध लेनदेन के लिए दुरुपयोग किया गया. इसके बाद यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि इन खातों का दुरुपयोग चुनाव में अवैध तौर पर रुपये भेजने के लिए किया गया. आरोप है कि मुख्य आरोपी ने ‘नासिक मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक’ में खाते खोलने के लिए लगभग 12 लोगों से केवाईसी (अपने उपभोक्ता को जानो) विवरण लिया तथा उसने इन लोगों से कहा कि वह मकई (मक्का) का व्यवसाय शुरू करना चाहता है और इसलिए उसे किसानों से रुपये लेने की जरूरत है.


आरोपी ने अपने दोस्तों से केवाईसी दस्तावेज लेकर कथित तौर पर दो और खाते खुलवाए. सूत्रों के मुताबिक, ये 14 खाते सितंबर और अक्टूबर के बीच खोले गए. सूत्रों ने बताया कि ईडी को 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी मिली है और अब कुछ हवाला कारोबारी की भूमिका सहित अधिक साक्ष्य जुटाने के लिए तलाशी अभियान को अंजाम दे रही है.


एजेंसी को आशंका है कि आरोपी आम लोगों की बैंक से जुड़ी जानकारी का दुरुपयोग करके और उन्हें धोखाधड़ी के लिए प्रयोग किए जाने वाले खातों के रूप में इस्तेमाल करके कुछ लोगों के लिए धन का दुरुपयोग करने के वास्ते इन निधियों का इस्तेमाल कर सकता है. चुनाव के लिए खातों के दुरुपयोग के पहलू पर भी गौर किया जा रहा है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि अभी तक इस संबंध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है. (एजेंसी इनपुट)