Haryana And Jammu Kashmir Vidhan Sabha Chunav Exit Poll: हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में किस राजनीतिक पार्टी को कितनी सीट मिलेगी? दोनों राज्यों में आखिर किसकी सरकार बनेगी? इन बड़े सवालों का फौरी जवाब देने के लिए लगभग तमाम टीवी चैनल और सर्वे और पोल एजेंसियों के एग्जिट पोल शनिवार शाम को सामने आ गए हैं. हालांकि, चुनाव आयोग के आधिकारिक नतीजे 8 अक्टूबर को सामने आएंगे, लेकिन अनुमानों पर चर्चा तेज हो गई है.


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हरियाणा में कांग्रेस और जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन को बढ़त


हरियाणा और जम्मू कश्मीर दोनों जगह मतदान पूरा होने के बाद सामने आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स के संभावित नतीजे के मुताबिक, हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा जीत की हैट-ट्रिक नहीं लगा पाएगी. हरियाणा में कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता में वापसी करती दिख रही है. वहीं, जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल की भविष्यवाणी के मुताबिक, किसी भी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. हालांकि, वहां नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन आगे दिख रहा है.


हरियाणा में एक चरण और जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में हुआ रिकॉर्ड मतदान


हरियाणा में एक ही चरण में सभी 90 सीटों के लिए पांच अक्टूबर (शनिवार) को 61.32 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार और वैसे करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव में तीन चरणों में कुल 63.88 फीसदी मतदान किया गया था. इनमें 64.68 फीसदी पुरुषों और 63.04 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया. नए परिसीमन के बाद 90 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान 18 सितंबर,दूसरे चरण का 25 सितंबर और तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 1 अक्टूबर को कराया गया था. 


हरियाणा में कांग्रेस मार रही बाजी, हाथ को मिला मतदाताओं का साथ


हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों के लिए इस बार चुनाव मैदान में तीन गठबंधन एक्टिव थे. दो बार से लगातार राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और दूसरी आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं, कांग्रेस ने 89 सीटों पर खुद चुनाव लड़ते हुए एक भिवानी सीट गठबंधन के साथी दल माकपा को दी थी. जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आजाद समाज पार्टी के गठबंधन ने क्रमश: 70 और 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. उनके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन बनाकर क्रमश: 53 और 37 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे. 


आइए, कुछ अहम टीवी चैनल और एजेंसी के एग्जिट पोल के मुताबिक हरियाणा चुनाव के संभावित नतीजे पर एक नजर डालते हैं.


टीवी चैनल भाजपा कांग्रेस जेजेपी-एएसपी इनेलो-बीएसपी आप अन्य
पोल्स ऑफ पोल 27 54 0 3 0 6
आज तक            
ध्रुव रिसर्च 22-32 50-65 0 0 0 2-8
दैनिक भास्कर 15-29 44-54 1 1-5 0-1 4-9
एबीपी न्यूज            
जी न्यूज            
न्यूज 24            
न्यूज 18 24 58 2 2 0 4
रिपब्लिक भारत 21 59 2 4 0 4
टाइम्स नाउ            
टाइम्स नाउ नवभारत            

जम्मू कश्मीर चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन पहले नंबर पर, भाजपा पीछे


आर्टिकल 370 हटाए जाने, केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने, लद्दाख को अलग किए जाने और नए परिसीमन के साथ ही लंबे अंतराल के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की भगदड़ दिखी. नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और माकपा गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रहे थे. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अकेले सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारा था. 


भाजपा ने कश्मीर घाटी की 47 सीटों में से केवल 19 पर ही अपने कैंडिडेट दिए और 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे. भाजपा ने जम्मू की सभी सीटों पर मुस्तैदी से चुनाव लड़ा. इन पार्टियों के अलावा जेल में बंद सांसद रशीद इंजीनियर की पार्टी ने 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. चुनाव में इंजीनियर का सहयोगी माना जा रहा प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से भी नौ उम्मीदवारों चुनावी मैदान में ताल ठोका हुआ है.


जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल में नेशनल कांफ्रेस-कांग्रेस गठबंधन को सरकार बनाने के करीब बताया है. वहीं, दूसरे नंबर पर अकेले भाजपा को दिखाया है. हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश में किसी को भी स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखाया गया है. आइए, जानते हैं कि टीवी चैनल और एजेंसी के एग्जिट पोल के मुताबिक जम्मू कश्मीर के संभावित नतीजे कैसे हो सकते हैं.


टीवी चैनल भाजपा एनसी-कांग्रेस पीडीपी अन्य
पोल्स ऑफ पोल 26 43 8 13
आज तक 27-32 40-48 6-12 6-11
दैनिक भास्कर 20-25 35-40 4-7 12-16
पीपुल्स पल्स 23-27 46-50 6-12 6-11
एबीपी न्यूज        
जी न्यूज        
टाइम्स नाउ नवभारत        
न्यूज 18 26 40 7 17
रिपब्लिक भारत        
टाइम्स नाउ        

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क्या होता है एग्जिट पोल? किन तकनीकों और तरीके से करते हैं नतीजे का आकलन


एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियां मतदान केंद्रों पर वोट डालकर बाहर निकलने वाले मतदाताओं से राय लेती हैं. बूथ के बाहर से मिली राय का गणितीय आकलन किया जाता है. इसलिए एग्जिट पोल को सिर्फ वोटर्स की आम राय या भावनाओं के तौर पर पेश किया जाता है. एग्जिट पोल के वास्तविक चुनाव परिणामों में सटीक रूप से तब्दील होने की कोई गारंटी नहीं होती. इसे बस एक अनुमान बताया और माना जाता है.


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किन दो वजहों से कभी गलत तो कभी सटीक होती है एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां?


विश्वसनीयता की बात करें तो एग्जिट पोल खास तौर पर सैंपल साइज और मतदाताओं की ईमानदारी के दो फैक्टर्स पर ही निर्भर होता है. सैंपल साइज जितना बड़ा होगा यानी जितने ज्यादा बूथों पर जितने अधिक वोटर्स से राय ली जाएगी. सैंपल का उतना सटीक विश्लेषण किया जा सकेगा. वहीं, वोटर्स की ओर से सवालों का ईमानदारी से दिया गया जवाब आकलन को सही और प्रमाणिक बनाता है. फिर भी एग्जिट पोल डिस्क्लेमर के साथ ही अनुमानित नतीजे पेश करते हैं.


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