DNA: जुबानी जंग की शुरुआत हुई यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से, जिन्होंने 'बटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया. यह नारा बीजेपी नेताओं का तकियाकलाम बन गया, जिसे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने भी अपने भाषणों में दोहराया.
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Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का प्रचार थम चुका है, लेकिन इस बार नेताओं की जुबान पर ऐसा 'जहर' घुला है, जिसकी मिसाल पहले नहीं देखी गई. चुनावी भाषणों की शुरुआत में जहां वादे और दावे किए जाते थे, वहीं अब यह अभियान बेतुके और आपत्तिजनक बयानों की होड़ में तब्दील हो गया. जैसे-जैसे प्रचार की डेडलाइन नजदीक आई, नेताओं ने सारी मर्यादाएं पार कर दीं, और एक-दूसरे पर शब्दों के 'जहरीले बाण' चलाए.
योगी आदित्यनाथ से शुरू हुई बयानबाजी
इस जुबानी जंग की शुरुआत हुई यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से, जिन्होंने 'बटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया. यह नारा बीजेपी नेताओं का तकियाकलाम बन गया, जिसे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने भी अपने भाषणों में दोहराया. लेकिन इसका पलटवार करने में विपक्षी नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी.
उद्धव ठाकरे का विवादित बयान
उद्धव ठाकरे ने इस नारे का जवाब देते हुए धमकी भरे लहजे में कहा, "अगर मुंबई में कुछ हुआ तो हम आपको काटेंगे... जरूर काटेंगे." उद्धव के इस बयान ने विवाद को और हवा दी और इसे भाजपा नेताओं ने उनकी बौखलाहट करार दिया. फडणवीस ने इसका जवाब देते हुए कहा, "किसी के बाप में दम नहीं जो हमें काट सके."
खड़गे का 'जहरीला सांप' वाला बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस लड़ाई को और उग्र करते हुए बीजेपी और आरएसएस को 'जहरीला सांप' कह डाला. खड़गे ने अपने भाषण में कहा, "बीजेपी और आरएसएस जहर के जैसा है... एक बार काटा तो खतरनाक है, इस जहरीले सांप को मार देना चाहिए." खड़गे के इस बयान की जमकर आलोचना हुई. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा, "खड़गे जी, इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना आपके अनुभव और उम्र के खिलाफ है."
कन्हैया कुमार और संजय राउत के विवादित बयान
कन्हैया कुमार ने भी मंच से देवेंद्र फडणवीस की पत्नी पर तंज कसते हुए कहा, "आप इंस्टाग्राम पर रील बनाते हैं, और हम धर्म बचाने में लगे हैं." वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्हें 'जोकर' कह दिया. उन्होंने कहा, "भगवा कपड़े पहनकर एक जोकर आया है, जो हमारे धर्म का अपमान कर रहा है."
ओवैसी का भड़काऊ बयान
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी अपने बयानों में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने 15 मिनट में जवाब देने की बात कहकर माहौल और गर्म कर दिया. इस तरह की बयानबाजी ने चुनावी माहौल को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की.
मुद्दों की अनदेखी, जुबानी जंग में नेताओं का ध्यान
महाराष्ट्र चुनाव प्रचार में मुद्दे जैसे किसान कर्जमाफी, सूखा राहत, और शहरी विकास थे, लेकिन प्रचार के दौरान केवल धर्म और सांप्रदायिकता की बातें की गईं. नेता मंचों से एक-दूसरे पर अपशब्दों की बौछार करते रहे.अब प्रचार का दौर खत्म हो चुका है और फैसला जनता के हाथ में है. वोटर्स अब नेताओं की जुबान और उनके बयानों के आधार पर फैसला करेंगे.
ब्यूरो रिपोर्ट.. जी मीडिया