जम्मू-कश्मीर: Exit Polls में किसी को बहुमत नहीं, अब किंगमेकर की भूमिका में कौन? क्या हो सकता है सरकार बनाने का समीकरण
Jammu And Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतगणना से पहले सामने आए एग्जिट पोल में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत हाथ नहीं लगी है. वहां, त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं. हालांकि, नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त दिख रही है. लेकिन भाजपा और निर्दलीयों को भी काम के लायक सीटें मिलती दिख रही हैं.
Jammu And Kashmir Exit Poll: केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजे की संभावनाओं को लेकर लगभग सभी टीवी चैनल और एजेंसियों के एग्जिट पोल का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन सबसे आगे है. भाजपा को सत्ता से दूर दिखाया जा रहा है. दूसरी ओर, इन अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक भी सरकार बनाने के समीकरणों के लिए लामबंदी शुरू हो गई है. कुछ दलों और नेताओं ने खुद के किंगमेकर होने का दावा भी कर दिया है.
एग्जिट पोल के आधार पर सरकार बनाने के समीकरणों की चर्चा
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही 8 अक्टूबर को मतगणना के बाद आएंगे, लेकिन तमाम राजनीतिक दलों ने एग्जिट पोल के आकलन के आधार पर ही सरकार बनाने के समीकरणों पर चर्चा तेज कर दी है. केंद्र शासित प्रदेश में किसी को भी स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखाया गया है, लेकिन ज्यादातर एग्जिट पोल में फारुक अब्दुल्लाह और उमर अब्दुल्लाह की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को सत्ता के करीब दिखाया है. हालांकि, इन सभी ने अकेले भाजपा को दूसरे नंबर पर दिखाया है.
एक दशक बाद जम्मू कश्मीर में कितना बदला विधानसभा चुनाव?
आर्टिकल 370 रद्द कर विशेष दर्जा खत्म करने, लद्दाख अलग कर दोनों को केंद्रशासित प्रदेश बनाने, नए परिसीमन और एक दशक तक इंतजार के बाद हुए जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने पहली बार शांतिपूर्ण तरीके से मतदान होते देखा. प्रदेश में नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और माकपा मिलकर चुनाव लड़ रहे थे. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अकेले सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारा था. वहीं, अपनी पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस जैसी पार्टियों ने जी-जान से प्रचार किया.
भाजपा ने घाटी में 28 सीटें छोड़ीं, निर्दलीयों ने दिखाई बड़ी हिम्मत
वहीं, भाजपा ने कश्मीर घाटी की 47 सीटों में से केवल 19 पर ही अपने कैंडिडेट दिए. भाजपा ने रणनीति के तौर पर घाटी की 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे. इसके उलट जम्मू की सभी सीटों पर मुस्तैदी से चुनाव लड़ा. इन पार्टियों के अलावा आतंकवादियों की फंडिग के आरोप में जेल में बंद और हाल ही में लोकसभा का सांसद बने रशीद इंजीनियर की पार्टी ने 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी ने भी नौ निर्दलीय उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया हुआ था.
एग्जिट पोल्स में किंगमेकर बन उभरती दिख रही हैं महबूबा मुफ्ती
सभी एग्जिट पोल्स का विश्लेषण करें तो अकेले पीडीपी को न्यूनतम 4 और अधिकतम 12 विधानसभा सीटें मिलती दिखती रही हैं. इस तरह किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की सूरत में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पास ही सत्ता की कुंजी होंगी. किंगमेकर मुहबूबा मुफ्ती ने इस संभावना को भुनाने की कोशिश भी शुरू कर दी है. पीडीपी पहले भाजपा के साथ सरकार में रह चुकी है. हालांकि, अब वह लगातार उसकी विरोधी है.
रशीद इंजीनियर, उनके सहयोगी और निर्दलीय के हाथों में भी लड्डू
इनके अलावा रशीद इंजीनियर और उसके सहयोगियों समेत निर्दलीयों को भी एग्जिट पोल में न्यूनतम 6 और अधिकतम 17 सीटें तक मिलती दिख रही है. इसको नतीजे के करीब मानें तो ये सभी एकजुट होने पर किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं. यह समूह तय कर सकता है कि जम्मू कश्मीर में सत्ता का ऊंट आखिर किस करवट बैठेगा. भाजपा या विपक्षी इंडिया गठबंधन किसी के भी साथ बैठने से इनको इनकार नहीं हो सकता.
टीवी चैनल | भाजपा | एनसी-कांग्रेस | पीडीपी | अन्य |
पोल्स ऑफ पोल | 26 | 43 | 8 | 13 |
आज तक | 27-32 | 40-48 | 6-12 | 6-11 |
दैनिक भास्कर | 20-25 | 35-40 | 4-7 | 12-16 |
पीपुल्स पल्स | 23-27 | 46-50 | 6-12 | 6-11 |
एबीपी न्यूज | ||||
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न्यूज 18 | 26 | 40 | 7 | 17 |
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नेशनल कांफ्रेस-कांग्रेस-माकपा गठबंधन की सरकार कैसे बन सकती है?
एग्जिट पोल के सभी अनुमानों को देखें तो जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में नेशनल कांफ्रेस-कांग्रेस-माकपा गठबंधन को कम से कम 35 और ज्यादा से ज्यादा 50 सीटें मिलने का दावा किया गया है. अधिकतम सीटें मिलने का अनुमान सही हुआ तो एनसी और कांग्रेस को आसानी से सरकार बनाने का मौका मिल सकता है. हालांकि, ऐसा दावा बस पीपुल्स पल्स के एग्जिट पोल में कहा गया है, लेकिन बाकियों में भी यह गठबंधन सरकार बनाने के करीब दिख रहा है.
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और स्थानीय स्तर पर नेशनल कांफ्रेंस का राजनीतिक अनुभव इतना फैला हुआ है कि कुछ सीटों का इंतजाम करने में शायद ही कोई दिक्कत हो. क्योंकि भावनात्मक कार्ड खेलकर विपक्ष ने केंद्रशासित प्रदेश में केंद्र सरकार विरोधी नैरेटिव करने में कामयाबी पाई है. इन दलों के कुछ बागी भी मौका देखकर सियासी घरवापसी कर सकते हैं.
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जम्मू कश्मीर में कैसे भाजपा बना सकती है अपना मुख्यमंत्री? क्या है गणित
जम्मू कश्मीर की राजनीति के जानकारों के मुताबिक, एग्जिट पोल के आंकड़ों में कई ऐसे सियासी लूपहोल हैं, जिनके चलते भाजपा दूसरे नंबर पर रहते हुए भी अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है. जम्मू कश्मीर विधानसभा में निर्वाचित विधायकों की कुल 90 सीटें हैं. इनमें से 62 पर ही भाजपा ने उम्मीदवार उतारे हैं. बाकी, घाटी की 28 सीटों को खास रणनीति के तहत खाली छोड़ा गया है. एग्जिट पोल के मुताबिक, घाटी की 47 में से 10-12 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की किस्मत चमक सकती है.
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जादुई आंकड़ा पूरा करने में भाजपा का साथ दे सकते हैं 5 मनोनीत विधायक
लगभग सभी एग्जिट पोल में भाजपा को जम्मू इलाके की कुल 43 सीटों में से 28-35 सीटों पर जीतते दिखाया जा रहा है. अगर ऐसा हुआ तो घाटी के निर्दलीयों को अपने साथ मिलाकर भाजपा 43 सीटों तक पहुंच सकती है. वहीं, विधानसभा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पश्चिमी पंजाब से आए शरणार्थिों के लिए रिजर्व पांच सीटों पर उपराज्यपाल की ओर से मनोनीत विधायकों को भी वोट का अधिकार होने से भाजपा को बहुमत के लिए 46 और जादुई नंबर 48 पूरा करने में आसानी हो सकती है.