Jammu Kashmir Assembly Election Result 2024: जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन चुनाव जीत गया है और उसकी सरकार बनना तय है. लेकिन चुनाव के वक्त वह जिस मुद्दे पर लोगों से वोट मांग रहा था.यानी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी. क्या नेशनल कांफ्रेंस इस वादे को पूरा कर पाएगी या फिर ये सिर्फ चुनावी शिगूफा था. जिसे जीत के बाद  ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा.  


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कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरते ही नेशनल कांफ्रेंस ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया था. इस मेनिफेस्टो में मुफ्त बिजली, मुफ्त सिलेंडर, लाखों नौकरियां जैसे लोक लुभावन वादे थे...लेकिन तीन बिंदु थे जिनपर सबकी नजरें टिकी थीं. इनमें पहला बिंदु था पाकिस्तान से बातचीत की पहल. दूसरा बिंदु था राजनीतिक कैदियों की रिहाई और तीसरा बिंदु था कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी.


नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के लिए राह आसान नहीं


कश्मीर के लोगों के वोट पैटर्न को देखें तो लगता है कि नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 370 वाले वादे पर ही वोट मिला है.अब जब सरकार बनाने का मैंडेट मिल गया है तो लोगों को क्या उम्मीद है. क्या वाकई नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार इस वादे को पूरा कर पाएगी क्योंकि इस रास्ते में कुछ चुनौतियां हैं.


सरकार बन जाने के बावजूद अभी कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने में वक्त लगेगा. तब तक चुनी गई सरकार को सीमित अधिकारों और दायरे में काम करना पड़ेगा. दूसरी चुनौती ये है इस किस्म के फैसले को अमल में लाने के लिए संसद में बहुमत चाहिए. इस बाधा को भी पार करना नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के लिए आसान नहीं है. 


क्या सरकार में शामिल हो सकती है पीडीपी?


जीत के बाद जब अब्दुल्ला और मुफ्ती कैंप आमने सामने आए तो हैरान करने वाले बयान सामने आए. जो उमर अब्दुल्ला PDP से हाथ ना मिलाने का दावा कर चुके थे. चुनावी नतीजों के बाद वो महबूबा मुफ्ती की तारीफ करने लगे. दूसरी तरफ इल्तिजा मुफ्ती नेशनल कांफ्रेंस के मुद्दे यानी अनुच्छेद 370 पर बोलने लगीं.


तो क्या ये अब्दुल्ला और मुफ्ती कैंप के बीच किसी गोल्डन हैंडशेक का इशारा है. क्या सरकार में पीडीपी भी हिस्सेदार बनेगी और 370 को वापस लाने का दावा नेशनल कांफ्रेंस की जगह पीडीपी नेताओं की जुबान से सुनाया जाएगा ताकि मुद्दे को हवा भी मिलती रहे और सीधे नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को जवाब भी ना देना पड़े.


बीजेपी को प्रदेश में मिले सबसे ज्यादा वोट


क्रिकेट की तरह राजनीति भी unpredictable होती है. जो कल तक विरोधी होता है. वो आज साथी बन सकता है. लेकिन अनुच्छेद 370 को वापस लाने का जो वादा किया गया था. उस पर आने वाली सरकार को आज नहीं तो कल जवाब देना ही पड़ेगा. आखिर ऐसी क्या वजह है कि चुनावी नतीजे आते ही NATIONAL CONFERENCE और PDP के बीच रिश्ते बदलते नजर आ रहे हैं. इसकी एक वजह जम्मू कश्मीर चुनाव में वोट शेयर भी हो सकता है.


जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा वोट शेयर लेने वाली SINGLE PARTY है बीजेपी. बीजेपी को 25.64 प्रतिशत वोट मिले हैं. कांग्रेस को 11.97 प्रतिशत वोट मिले हैं. नेशनल कांफ्रेंस का वोट शेयर 23.43 प्रतिशत है. जबकि पीडीपी का वोट शेयर रहा है 8.87 प्रतिशत. लेकिन अगर आप अन्य यानी निर्दलीय प्रत्याशियों का वोट शेयर देखेंगे तो वो है 24.83 प्रतिशत. यानी बीजेपी के बाद अगर किसी पक्ष को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं...तो वो हैं निर्दलीय.


क्या वाकई 370 की हो पाएगी वापसी?


तो क्या इसी चुनावी गणित ने अब्दुल्ला और मुफ्ती कैंप को डरा दिया है और आगे कभी ऐसे हालात का सामना करने से बचने के लिए ही NATIONAL CONFERENCE और PDP अब एक समान बातें करते नजर आ रहे हैं.


अगर 370 पर पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस एक साथ आ भी जाएं तो भी ये बीजेपी के लिए एक चुनावी हथियार बन सकता है. कश्मीर में भले ही 370 हटाने पर बीजेपी को वोट ना मिले हों. लेकिन कश्मीर के बाहर 370 वापस लाने का दावा बीजेपी के लिए नया पॉलिटिकल हथियार बन सकता है.