Dhaurahara Lok Sabha Election 2024: धौरहरा यूपी की नई- नवेली लोकसभा सीट है. यह पहले शाहजहांपुर लोकसभा सीट का हिस्सा थी लेकिन वर्ष 2008 में चुनाव आयोग की ओर से हुए परिसीमन में धौरहरा को अलग करके इसे अलग सीट बना दिया गया. इसके लिए इसमें लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिले के हिस्से जोड़े गए. वर्ष 2009 में इस सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने बाजी मारी थी और वे इस सीट से जीत हासिल करने वाले पहले सांसद बने थे. हालांकि 2014 में आई मोदी की आंधी में वे हार गए और फिर बीजेपी में ही शामिल होकर एमएलए बन गए. 


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धौरहरा लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024


धौरहरा पहले शाहजहांपुर लोकसभा सीट का हिस्सा थी लेकिन वर्ष 2008 में चुनाव आयोग की ओर से हुए परिसीमन में धौरहरा को अलग करके इसे अलग सीट बना दिया गया. इसके लिए इसमें लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिले के हिस्से जोड़े गए. वर्ष 2009 में इस सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने बाजी मारी थी. 


जितिन प्रसाद ने हासिल की थी पहली जीत


जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जीतेंद्र प्रसाद के बेटे हैं. धौरहरा आने से पहले वे 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर शानदार जीत दर्ज कर चुके थे. जब चुनाव आयोग ने धौरहरा को परिसीमन के बाद नई सीट घोषित किया तो जितिन प्रसाद शाहजहांपुर छोड़कर धौरहरा चले आए और यहां पर भी अपनी विजय पताका फहराई. 


बीजेपी जॉइन करके बन गए योगी के मंत्री


जितिन प्रसाद को 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की रेखा वर्मा के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी. इसके बाद वे 2019 के चुनाव में फिर से चुनाव मैदान में उतरे लेकिन मोदी लहर में एक बार फिर रेखा वर्मा ने हरा दिया. लगातार 2 हार के बाद जब उन्हें कांग्रेस में अपना भविष्य अंधकारमय नजर आया तो उन्होंने बाद में बीजेपी जॉइन कर ली और 2022 में विधायक का चुनाव जीतकर योगी सरकार में मंत्री बन गए. 


धौरहरा में असेंबली की 5 सीटें शामिल 


धौरहरा लोकसभा क्षेत्र का गठन लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिले के कई हिस्सों को मिलाकर किया गया था. इस सीट में लखीमपुरी खीरी जिले की धौरहरा, कस्ता (एससी) और मोहम्मदी असेंबली सीटें, जबकि सीतापुर की महौली और हरगांव (एससी) सीटें शामिल हैं. इन सभी असेंबली सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. 


उलझा हुआ है सीट का सामाजिक समीकरण


धौरहरा लोकसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां करीब 18 लाख वोटर्स हैं. इनमें दलित वोटर्स की संख्या करीब 3 लाख है, जबकि अति पिछड़ा वोटर्स की तादाद लगभग 4 लाख है. ब्राह्माण, राजपूत, वैश्य, यादव भी यहां ठीकठाक तादाद में हैं. बीजेपी ने इस बार भी धौरहरा सीट पर रेखा वर्मा पर दांव आजमाया है. वहीं सपा ने आनंद भदौरिया को कैंडिडेट बनाया है.


धौरहरा लोकसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास


वर्ष विजेता पार्टी
2019 रेखा वर्मा बीजेपी
2014 रेखा वर्मा बीजेपी
2009 जितिन प्रसाद कांग्रेस 
     
     

धौरहरा लोकसभा चुनाव 2024


पार्टी उम्मीदवार मिले वोट रिजल्ट
बीजेपी रेखा वर्मा    
सपा आनंद भदौरिया    
बसपा      
अन्या