धौरहरा यूपी की नई- नवेली लोकसभा सीट है. यह पहले शाहजहांपुर लोकसभा सीट का हिस्सा थी लेकिन वर्ष 2008 में चुनाव आयोग की ओर से हुए परिसीमन में धौरहरा को अलग करके इसे अलग सीट बना दिया गया. इसके लिए इसमें लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिले के हिस्से जोड़े गए. वर्ष 2009 में इस सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने बाजी मारी थी और वे इस सीट से जीत हासिल करने वाले पहले सांसद बने थे. धौरहरा लोकसभा क्षेत्र का गठन लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिले के कई हिस्सों को मिलाकर किया गया था. इस सीट में लखीमपुरी खीरी जिले की धौरहरा, कस्ता (एससी) और मोहम्मदी असेंबली सीटें, जबकि सीतापुर की महौली और हरगांव (एससी) सीटें शामिल हैं. इन सभी असेंबली सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. धौरहरा लोकसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां करीब 18 लाख वोटर्स हैं. इनमें दलित वोटर्स की संख्या करीब 3 लाख है, जबकि अति पिछड़ा वोटर्स की तादाद लगभग 4 लाख है. ब्राह्माण, राजपूत, वैश्य, यादव भी यहां ठीकठाक तादाद में हैं. बीजेपी ने इस बार भी धौरहरा सीट पर रेखा वर्मा पर दांव आजमाया है. वहीं सपा ने आनंद भदौरिया को कैंडिडेट बनाया है.
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