लंदनः आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2019 के फाइनल मैच में इंग्लैंड के हाथों न्यूजीलैंड को मिली हार के बाद कीवी खिलाड़ी मार्टिन गप्टिल को लेकर ट्विटर पर तरह तरह की बातें होने लगी हैं. पूरे टूर्नामेंट में खराब फॉर्म से जूझ रहे  न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज मार्टिन गप्टिल ने फाइनल में 18 बॉल पर 19 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद कीवी टीम निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट पर कुल 241 रन बनाए. इसके बाद इंग्लैंड की टीम 50 ओवरों में 241 पर ही ऑलआउट हो गई. मैच सुपर ओवर तक गया और पहले बैटिंग करते हुए इंग्लैंड ने 15 रन बनाए तो वहीं कीवी टीम भी जवाब में 15 रन ही बना सकी. 


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लेकिन मैच जहां फंसा वहां भी गप्टिल ही मैच के मुजरिम माने गए. सुपर ओवर की आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे और पहली बॉल फेस कर रहे गप्टिल ने जोर से शॉट लगाया और दो रन के लिए दौड़े. लेकिन गप्टिल दूसरा रन पूरा न कर सके और रन आउट हो गए. मैच एक बार फिर बराबरी पर खत्म हुआ. गप्टिल के इस रन आउट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सेमीफाइनल में एमएस धोनी के रन आउट की वो तस्वीर शेयर की जिससे मैच भारत के हाथ से निकल गया था. 


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लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'कर्मा का कोई मेन्यू नहीं होता है, आपको वही मिलता है जिसके आप लायक है...इसके साथ ही तस्वीर शेयर की जिसमें लिखा है, 'जैसी करनी वैसी भरनी'    



नितिन माथुर ने अपने ट्विटर अकाउंट से लिखा, एक थ्रो आपको फाइनल में लेकर आई और दूसरी थ्रो ने आपको बाहर कर दिया....



नरेश कुमार ने भी अपने ट्वीटर आकाउंट से ऐसी ही तस्वीर शेयर कते हुए गप्टिल पर निशाना साधा



 



 



बता दें कि मैच में ऐसे कम से कम 4 मौके आए, जब गप्टिल का प्रदर्शन टीम को निराश कर गया. जानें कैसे...


1. जब गप्टिल ने गंवाया डीआरएस 
मार्टिन गप्टिल इस मैच में 18 गेंदों पर 19 रन बनाकर आउट हुए. वे क्रिस वोक्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू करार दिए गए. गप्टिल साफ आउट थे. इसके बावजूद उन्होंने डीआरएस ले लिया. थर्ड अंपायर ने ना सिर्फ उन्हें आउट दिया, बल्कि न्यूजीलैंड ने अपना डीआरएस भी गंवा दिया. 
 


LBW दिए जाने के बाद मार्टिन गप्टिल (बाएं) ने डीआरएस लिया. (फोटो: IANS) 

2. तो आउट होने से बच जाते टेलर 
अगर गप्टिल ने डीआरएस नहीं गंवाया होता तो रॉस टेलर आउट होने से बच सकते थे. दरअसल, उन्हें अंपायर ने एलबीडब्ल्यू आउट दिया था, लेकिन गेंद स्टंप से दूर थी. यानी, गप्टिल का डीआरएस लेने का फैसला न्यूजीलैंड के लिए दोहरा आघात साबित हुआ. 

3. गप्टिल का थ्रो और बन गए 6 रन 
इंग्लैंड को अंतिम तीन गेंद पर जीत के लिए 9 रन चाहिए थे. तभी बेन स्टोक्स ने डीप मिडविकेट पर शॉट खेला. गप्टिल ने थ्रो किया. स्टोक्स ने रन आउट से बचने के लिए डाइव लगाया. गेंद उनके बल्ले से टकराकर बाउंड्री लाइन पार कर गई. इस तरह जहां दो रन बनने थे, वहां छह रन मिल गए. इससे इंग्लैंड लक्ष्य के करीब आ गया. इसे आप संयोग कह सकते हैं, लेकिन यहां भी गप्टिल ही थे. 

4. सुपरओवर में भी चूक गए गप्टिल 
न्यूजीलैंड को सुपरओवर में जीत के लिए आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे. यहां पर भी स्ट्राइक पर मार्टिन गप्टिल ही थे. उन्होंने मिडविकेट पर शॉट खेला और दौड़ पड़े. उन्होंने एक रन पूरा किया भी, लेकिन दूसरा रन लेते हुए आउट हो गए. उनके पास एक गेंद पर दो रन बनाकर अपनी टीम को चैंपियन बनाने का मौका था, लेकिन यह खिलाड़ी सुपरओवर की समाप्ति पर रनआउट होकर पवेलियन लौटता हुआ नजर आया. 


बता दें कि यह पूरा विश्व कप ही मार्टिन गप्टिल के लिए खराब रहा. उन्होंने इस विश्व कप के सभी 10 मैच खेले. गप्टिल ने इन 10 मैच में 20.66 की औसत से सिर्फ 186 रन बनाए. उनका सर्वोच्च स्कोर 73 रन रहा. यानी, अगर उनकी इस पारी को हटा दें तो उन्होंने नौ पारियों में सिर्फ 113 रन बनाए. यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि मार्टिन गप्टिल वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पिछले विश्व कप में सबसे अधिक 547 रन बनाए थे. इसमें एक दोहरा शतक भी शामिल था.