Nagpur: महाराष्ट्र के नागपुर से हत्या की एक चौंका देने वाली वारदात सामने आई है. सेना के जवान गर्लफ्रेंड से शादीशुदा होने की बात छिपाई. जब वह शादी के लिए दबाव बनाने लगी तो जवान ने गर्लफ्रेंड की हत्या कर दी. हत्या के बाद आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए सारे आरोप मिटा दिए. शव ठिकाने लगाने के बाद उसने गर्लफ्रेंड का मोबाइल फोन एक चलती ट्रक में फेंक दिया, जिससे पुलिस को अलग-अलग लोकेशन मिलती रहे. इस घटना में सबूत मिटाने के तरीके ने लोकप्रिय हिंदी थ्रिलर ‘दृश्यम’ की याद दिला दी. आइये आपको बताते हैं इस हैरान कर देने वाली मर्डर मिस्ट्री के बारे में..


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महाराष्ट्र में अजनी का रहने वाला 33 साल का अजय वानखेड़े सेना में तैनात है. उसकी तैनाती नागालैंड में है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक अजय ने अपनी गर्लफ्रेंड ज्योत्सना आक्रे (32 वर्ष) की हत्या कर दी. उसके शव को नागपुर के बुटीबोरी के पास जंगल में दफना दिया. यह घटना लगभग डेढ़ महीने पहले हुई थी. 


अजय ने पीड़िता का मोबाइल फोन एक ट्रक में फेंका, जिसे बाद में हैदराबाद और छत्तीसगढ़ में ट्रैक किया गया. यह मामला बेलतरोडी पुलिस ने बड़े प्रयास के बाद सुलझाया और सोमवार को मामले में केस दर्ज किया गया. पुलिस ने शव को निकालकर मौके पर फोरेंसिक जांच भी की. 


पुलिस ने बताया कि अजय वानखेड़े ने ज्योत्सना की हत्या इसलिए की क्योंकि वह उस पर शादी का दबाव बना रही थी. दोनों की मुलाकात एक मैट्रिमोनियल साइट पर हुई थी. ज्योत्सना पहले से तलाकशुदा थी, शादी के लिए अजय पर लगातार दबाव बना रही थी. लेकिन अजय पहले से शादीशुदा था और ज्योतस्ना के ऑफर को टालता रहा.


ज्योत्सना का दबाव बढ़ता गया. जिसके चलते अजय ने हत्या की योजना बनाई. पुलिस का मानना है कि अजय ने ज्योत्सना को बुटीबोरी के एक सुनसान जगह पर बुलाया. उसने पहले ज्योत्सना को शराब पिलाई और फिर जब वह बेहोश हो गई, तो उसकी हत्या कर दी. उसके शव को दफनाने के बाद अजय ने उस जगह को पत्तों और पेड़ों की शाखाओं से ढक दिया, ताकि वह प्राकृतिक जंगल जैसा दिखे. उसने ज्योत्सना का मोबाइल फोन वर्धा रोड पर एक गुजरते ट्रक में फेंक दिया. जैसे कि फिल्म ‘दृश्यम’ में दिखाया गया है.


इसके बाद अजय पुणे गया और सेना के अस्पताल में भर्ती हो गया. बेलतरोडी पुलिस ने पहले 29 अगस्त को एक लापता शिकायत दर्ज की थी, लेकिन 17 सितंबर को इसे अपहरण के मामले के रूप में दर्ज किया. पुलिस ने ज्योत्सना की तलाश शुरू की. शुरू में उन्हें कोई सुराग नहीं मिला. जब साइबर एक्सपर्ट्स ने फोन की लोकेशन ट्रैक की, तो वह अलग-अलग जगहों पर दिखाई दे रही थी.


ट्रक के चालक ने ज्योत्सना का फोन अपनी सिम कार्ड से इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस को यह लगा कि ज्योत्सना भाग गई है. जब बेलतरोडी पुलिस ने अजय से पूछताछ करने का प्रयास किया, तो उसने सत्र न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन किया, जिसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद उसने उच्च न्यायालय में भी जमानत की कोशिश की, लेकिन 5 अक्टूबर को वहां भी उसे जमानत नहीं मिली. 


जब पुलिस ने उसे अपराध स्वीकार करने के लिए कहा, तो उसने मना कर दिया. आखिर में अजय ने बेलतरोडी पुलिस के सामने टूटकर सच बताया और उस जगह की ओर ले गया जहां उसने शव दफनाया था. पुलिस ने अजय की तीन दिन की पुलिस रिमांड हासिल की है ताकि उससे विस्तृत पूछताछ की जा सके.