Who is Gangster Hashim Baba: दिल्ली का जीटीबी अस्पताल इस रविवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था. अस्पताल में एक मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड के बाद जो खुलासा हुआ, वो और भी ज़्यादा चौंकाने वाला है क्योंकि मर्डर करने पहुंचे शूटर्स का निशाना तो सटीक था. मगर उन्हें मारना किसे था, ये नहीं पता था. 


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हाशिम बाबा गैंग में शामिल नाबालिग 


जी हां, सही सुना आपने. दरअसल दिल्ली के मंडोली जेल में बंद हाशिम बाबा ने अपने गैंग में ऐसे ही नाबालिगों की भर्ती कर रखी है. जो उसके एक इशारे पर किसी की भी जान लेने के लिए तैयार रहते हैं. दरअसल दिल्ली में एक्टिव सभी गैंग इस नए पैटर्न को अपना रहे हैं. जिसमें नाबालिग लड़के मर्डर जैसी संगीन वारदात को अंजाम देते हैं. 


इंटर्न शूटर्स ने कर दी गलती


बिश्नोई और भाऊ गैंग भी इस पैटर्न पर अपराध करते हैं ताकि पकड़े जाने पर अपराधी जल्द से जल्द जेल से बाहर आ पाएं. बिश्नोई और भाऊ के बाद अब हाशिम बाबा ने भी ऐसे ही अपराध को अंजाम देने की कोशिश की. लेकिन हाशिम बाबा के इन कम उम्र वाले अपराधियों या कहें इंटर्न शूटर्स ने गलत शख्स की जान ले ली.


संजय दत्त का बड़ा फैन


दिल्ली के यमुनापार में खौफ का दूसरा नाम हाशिम बाबा दरअसल फिल्म स्टार संजय दत्त का बहुत बड़ा फैन है. 90 के दौर में संजय दत्त की फिल्मों से प्रभावित होकर हाशिम उसी हेयर स्टाइल को कॉपी करने लगा. पर्दे पर संजय दत्त को देखकर हाशिम इतना प्रभावित हुआ कि उसने अपने नाम के पीछे बाबा लगा लिया. संजय दत्त की तरह दिखने के लिए गले में सोने की चेन और हाथ में सोने का कड़ा भी पहनने लगा. 


हालांकि संजू बाबा का ये फैन दाउद इब्राहिम से भी इंस्पायर्ड है. शुरुआत में सट्टेबाजी का कारोबार करने वाला हाशिम जानता था कि कुछ बड़ा करने के लिए उसे सट्टेबाजी से बढ़ कर कुछ करना होगा. इसी वजह से हाशिम ने हत्या, किडनैपिंग और फिरौती जैसे संगीन अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और कम वक्त में ही क्राइम की दुनिया का क्राउन प्रिंस भी बन गया. 


गोकुलपुरी थाने में दर्ज हुआ पहला मामला


आइए अब आपको हाशिम की क्राइम कुंडली बताते हैं. हाशिम बाबा पर पहला केस दिल्ली के गोकुलपुरी थाने में हत्या की कोशिश का दर्ज हुआ था. हाशिम ने मुस्तफाबाद के नामी गैंगस्टर कासिम पर गोलियां चलाई थीं, लेकिन कासिम इस गोलीकांड में बच गया था. हाशिम जानता था कि अब उस पर कासिम की तरफ से काउंटर अटैक होगा. इसके लिए उसे किसी गैंग की पनाह लेनी होगी, ताकि वह सुरक्षित रह सके.


हाशिम ने यमुनापार के बड़े गैंगस्टर अब्दुल नासिर के गैंग को जॉइन कर लिया और उसके साथ काम करने लगा. हाशिम धीरे-धीरे अब्दुल नासिर का खास होता चला गया और नासिर के सट्टे का पूरा नेटवर्क संभालने लगा. नासिर के इशारे पर ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम भी देने लगा.


व्यापारियों से फिरौती, मर्डर समेत कई अपराध


हाशिम का मेन काम व्यापारियों को धमकाना, उनसे फिरौती वसूलना और जो बात न माने उसको मार देने का था. हाशिम ये सब नासिर के इशारे पर कम, बल्कि अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए ज्यादा कर रहा था. इसी वजह से उस पर मर्डर और रंगदारी के कई मामले दर्ज होते चले गए.