छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सलीम नाम के एक कबाड़ी पर शिकंजा कसते हुए पुलिस ने उसके अवैध निर्माण को बुलडोजर चलकर ढहा दिया. सलीम ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ था. यहां उसने एक यार्ड बनाया था. सलीम कबाड़ी इसी यार्ड में मवेशियों की तस्करी में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां छिपाता था. सलीम का दिखावटी काम कबाड़ी का था, जबकि उसका असली काम गो-तस्करी था.


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दिन में 'सलीम कबाड़ी' रात में 'मिश्रा जी गौ तस्कर'!  


रायपुर में सलीम नाम के कबाड़ी ने अपनी दुकान का नाम 'मिश्रा जी' रख लिया था. उसकी चोरी पकड़ने वालों का दावा था कि सलीम कबाड़ी के काम की आड़ में गौ तस्करी भी करता था. सलीम कबाड़ी गोतस्करी का खिलाड़ी था. इस खुलासे की पुष्टि भी रायपुर पुलिस ने की है.


निकल गई हेकड़ी


सलीम आस-पास के लोगों के बीच अपना 'भौकाल' टाइट करने के लिए लोगों पर झूठ बोलकर रौब झाड़ा करता था. वो अपने पास आने वालों से कहता था कि पुलिस उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है, इसलिए वो बिंदास होकर अपना काम करता था.


प्रशासन का बुलडोजर जब रायपुर के सिलतारा इलाके में सलीम कबाड़ी के ठिकाने पर चला तो ऐसा खुलासा हुआ कि प्रशासन का भी माथा चकरा गया. दरअसल पुलिस प्रशासन सरकारी जमीन से सलीम नाम के कबाड़ी का कब्जा हटाने पहुंची थी. प्रशासन को कब्जा हटाने के दौरान ही पता चला कि यहां गोतस्करी का धंधा भी चलाता था.


ASP सिटी लखन पटले ने बताया कि अभी  जांच की जा रही है. कई जगह से शिकायते मिल रहीं थी कि कुछ गाड़ियों को वहां डंप कर के रखा जाता है. जिसमें मवेशियों की तस्करी की जाती थी. सभी तथ्यों पर जांच की जा रही है.


लेकिन सलीम पर जो आरोप हैं वो हैरान करने वाले हैं. आरोप है कि आरोपी सलीम गोतस्करी का ये पूरा कारोबार मिश्रा जी के नाम से चलाया करता था. गो तस्करी को लेकर किसी तरह का खुलासा ना हो इसके लिए सलीम ने अपना नाम बदल लिया था. अब पुलिस के एक्शन के बाद पूरा सच सामने आ गया.


पुलिस की तफ्तीश जारी


पुलिस भी अब मिश्रा जी के नाम पर गोतस्करी करने वाले सलीम कबाड़ी की पूरी कुंडली खंगाले में जुटी है ताकि उसके पूरे गोरखधंधे का हिसाब किताब सामने आ सके.