Patna News: देसी साइबर ठग अब इंटरनेशनल हो गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऐसे ही साइबर अपराधियों के गैंग का भांडा फोड़ा है. इस गैंग के ज्यादातर सदस्य स्कूल ड्रॉपआउट हैं लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. ब्रिटिश और आयरिश एक्‍सेंट में बात करने वाले ये साइबर क्रिमिनल्‍स UK और आयरलैंड के लोगों को निशाना बना रहे थे. उन्‍हें बातों में उलझाकर उनके फोन या कंप्यूटर का रिमोट एक्‍सेस ले लेते और फिर उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते. गैंग की पोल तब खुली जब एक आयरिश महिला ने धोखाधड़ी की शिकायत की. उसे किसी 'स्‍टेफनी' का फोन आया था. मामला CBI से होते हुए ED के पास पहुंचा. ED ने कड़ियां जोड़नी शुरू कीं तो पटना के गेस्ट हाउस तक पहुंची. वहां 'स्‍टेफनी' मिल गई. आरोपी कोई लड़की नहीं, नितीश कुमार नाम का एक लड़का है. और तमाम जगहों पर छापेमारी हुई. गैंग का सरगना भी पकड़ा गया. भारत में अपनी तरह का यह पहला मामला है.


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आयरलैंड में ठगी, भारत में जांच


आयरिश महिला को पिछले साल एक फोन आया. कॉलर ने अपना नाम 'स्‍टेफनी' बताया. कहा कि वह Eircom Telecom से बोल रही है जो आयरलैंड में ब्रॉडबैंड सर्विस देता है. 'स्‍टेफनी' का लहजा एकदम आयरिश था और महिला को जरा भी शक नहीं हुआ. उसे बातों में फंसाकर उसके बैंक अकाउंट को खाली कर दिया गया. उसने अपने यहां शिकायत दी. आयरिश अधिकारियों ने शुरुआती जांच के बाद पाया कि अपराध भारत से हुआ है तो उन्होंने सीबीआई को खबर दी. सीबीआई ने मामला ED को रेफर किया. ED ने अक्टूबर 2023 में ECIR दर्ज करके जांच शुरू की. ED जैसी किसी केंद्रीय एजेंसी ने पहली बार, विदेश में दर्ज FIR के आधार पर Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत मुकदमा दर्ज किया है.


ED की जांच उसे पटना के एक गेस्ट हाउस तक लेकर पहुंची. यहां 18 दिसंबर तक रेड मारी गई तो नितीश कुमार को पकड़ा गया. वह खिड़की से कूदकर भागने की फिराक में था. कुमार के पास मिले तमाम मोबाइल फोन सीज कर लिए गए. जांच में पता चला कि उसी ने 'स्‍टेफनी' बनकर आयरिश महिला को फोन किया था. ED के मुताबिक, नितीश और उसके दर्जन भर साथियों ने UK और आयरलैंड के कम से कम 44 लोगों को शिकार बनाया है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ED को ठगी में विदेशी सहयोगियों की मिलीभगत के भी सबूत मिले हैं.


बिहार से लेकर बंगाल तक फैला नेटवर्क


पटना में छापेमारी के बाद पश्चिम बंगाल के खड़गपुर और कोलकाता के ठिकानों पर भी रेड की गई. 70 सीटों वाले कॉल सेंटर का पता चला. तलाशी के दौरान आईपी टेलीफोन और हेडफोन वाले 70 कंप्यूटर बरामद किए गए। इन ठगों ने कम से कम 40 लोगों को शिकार बनाया है. गैंग के सरगना सागर यादव को खड़गपुर से पकड़ा गया. वह दो-दो कॉल सेंटर चलाता था. सागर के ठिकाने से पांच लैपटॉप, 16 मोबाइल फोन, 56 क्रेडिट/डेबिट कार्ड और लगभग 2 करोड़ रुपये कैश मिला है. साथ ही 69 बैंक खातों की जानकारी मिली. ED ने खातों में जमा 2.8 करोड़ रुपये सीज कर लिए हैं. ED ने कुमार और यादव के अलावा एक और व्यक्ति को भी अरेस्ट किया है.
 
कैसे करते थे ठगी


ED के मुताबिक, शिकार का फोन/कंप्यूटर अपने कंट्रोल में लेने के बाद वह बैंक खातों का कंट्रोल अपने डिवाइस पर कर लेते थे. इसके बाद शिकार के खातों में जमा रकम विदेशों में बैठे अपने सहयोगियों को ट्रांसफर की जाती. वे सारी रकम निकाल लेते और फिर वेस्टर्न यूनियन और मनीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए भारत भेज देते. ठगी का पैसा अपने खातों में आने के बाद निकाल लिया जाता.