Odisa news: ओडिशा में बीते कुछ महीनों से लगातार ऐसे ऐसे शर्मनाक मामले सामने आ रहे हैं कि न सिर्फ पूर्वी भारत का ये अहम प्रदेश बल्कि पूरा देश शर्मसार हो रहा है. ओडिशा पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालों के घेरे में है. थाने में एक मेजर और उसकी मंगेतर के साथ हैवानियत होती है. सेना के जवान की मंगेतर के साथ यौन उत्पीड़न होने के कुछ दिन बाद दूसरे जिले में मंदिर से लौट रही महिला के साथ रेप और उसके पति की पिटाई होती है.


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ऐसी कुछ और शर्मनाक घटनाएं ऐसी भी होंगी जो शायद पुलिस डायरी की 'खतौनी' यानी रोजनामने में दर्ज ही नहीं हुई होंगी. तीसरे केस के आरोपियों को कोर्ट जब सजा सुनाएगी तब सुनाएगी, लेकिन इसको लेकर जनता में इतना आक्रोश है कि नेटिजंस ऐसा करने वालों के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसी मिसाल दे रहे हैं.     


इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.... 


बोलांगीर जिले में 20 वर्षीय एक आदिवासी महिला पर कथित रूप से हमला किया गया और उसके मुंह में जबरन (मानव) मल डाल दिया गया. स्थानीय पुलिस ने इस घृणित वारदात की पुष्टि की है. उसने बताया कि 16 नवंबर को बंगामुंडा थानाक्षेत्र के जूराबंधा गांव में यह घटना हुई. थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आरोपी गैर-आदिवासी शख्स है, वो महिला के खेत से ट्रैक्टर ले जा रहा था, जिससे फसल को नुकसान हो रहा था, जिसपर महिला ने उसका विरोध किया. इसपर, आरोपी ने उसके साथ मारपीट की और उसके मुंह में जबरन मानव मल डाल दिया.


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विपक्ष ने साझा निशाना


विपक्षी बीजू जनता दल (BJD) के MP निरंजन बिसी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे आदिवासियों में गुस्सा है. बोलांगीर के एसपी ने बताया कि आरोपी फरार है, पुलिस उसे पकड़ने में जुटी हुई है. बीजू जनता दल के नेताओं का कहना है कि माझी राज में पुलिस नकारा साबित हो रही है और उनसे राज्य की कानून व्यवस्था और सत्ता संभल नहीं रही है.


खुद सीएम ने उठाए थे ओडिशा पुलिस पर सवाल


खुद मुख्यमंत्री माझी भी ओडिशा पुलिस की हीलाहवाली और अजीबोगरीब रवैये का शिकार हो चुके हैं. इसी साल मुख्यमंत्री बनने से बमुश्किल एक महीने पहले उन्हें एक थानेदार ने थाने से भगा दिया था. ये बात बताते हुए माझी ने कहा था, 'भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद के लिए धन्यवाद, मैं मुख्यमंत्री बन गया. मैंने यह मानते हुए उसे माफ कर दिया कि उसने दबाव में काम किया होगा.'