Raebareli Fake Birth Certificate Case: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे पड़ती होगी. जाहिर सी बात है कि देश में रहने वालों को तो नहीं पड़ती होगी. जो देश में घुसपैठ करके आए हैं और खुद को भारत में जन्मा साबित करना चाहते है. उन्हें ही फर्जी जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ेगी. यूपी के रायबरेली में 10 या 20 नहीं बल्कि 19 हजार से ज्यादा नकली जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए हैं. सवाल है कि क्या रायबरेली ही यूपी में रोहिंग्या रूट का है?


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क्या रायबरेली बन रहा रोहिंग्या घुसपैठ का सेंटर?


क्या उत्तर प्रदेश में रोहिंग्या की घुसपैठ गांव की ओर हो रही है. क्या यूपी के गांव में रोहिंग्या को नागरिकता दिलाने वाले गैंग एक्टिव हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि यूपी के रायबरेली में एक ऐसा काम हुआ है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा खतरा है. रायबरेली के सलोन तहसील में पिछले कुछ समय से नकली जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खेल चल रहा था. जिसका खुलासा होने के बाद UP ATS ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान इस फर्जीवाड़े के पीछे तीन चेहरे सामने आए हैं. 


फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले पहुंचे जेल


पहला ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव, दूसरा सहज जनसेवा केंद्र चलाने वाला जीशान खान और तीसरा नाम जीशान खान और विजय सिंह का सहयोगी. आरोपी जिशान खान, ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव और उनका सहयोगी जेल में बंद हैं. दोनों ने नकली प्रमाणपत्र बनवाकर लाखों करोड़ रुपये कमा लिए हैं. यह सारा काम वे जनसेवा केंद्र से कर रहे थे. 


5 गांवों में बना दिए 19 हजार फर्जी सर्टिफिकेट


पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक सलोन के 4 गांव में एक दिन में ही 500 से 1000 तक फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए हैं. नूरुद्दीनपुर गांव में 24 अक्टूबर 2023 को 1000 प्रमाण पत्र जारी करने के सबूत मिले हैं. सबसे हैरान करने वाली बात है कि एक ही आईडी से एक दिन में प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. 5 गांव में नकली प्रमाण पत्र बनवाने वालों का आंकड़ा 19,184 है.


बर्थ सर्टिफिकेट बनाने वाले सभी अनजान लोग


स्थानीय लोगों का दावा है कि जीशान खान और ग्राम विकास अधिकारी ने 19 हजार नहीं बल्कि 35 से 40 हजार लोगों का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया है और उनमें से कोई भी रायबरेली का निवासी नहीं है. किन-किन गांवों में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं. नूरुद्दीनपुर, गढ़ी, इस्लामनगर, लहेरुपुर, सिरसीरा, गोपालपुर गांव में एक ही दिन में क्षमता से ज्यादा प्रमाण पत्र बनाए गए. 


हजारों की संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए, जिसके बाद कुछ गंभीर सवाल उठने लगे हैं. क्या फर्जी प्रमाण पत्र बांग्लादेशी घुसपैठियों के बनाए गए हैं? क्या हजारों की संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र रोहिंग्या मुसलमानों के बनाए गए हैं? क्या देशविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए? 


बीजेपी विधायक ने की जांच की मांग


रायबरेली के बीजेपी विधायक अशोक कोरी के मुताबिक केरल के PFI संगठन के सदस्य का जन्मप्रमाण पत्र भी सलोन तहसील के पाल्ही गांव का था. रायबरेली में कहां-कहां और कितने लोगों के फर्जी जन्मप्रमाण पत्र बनाए गए और उसका इस्तेमाल देश में किन-किन जगहों पर किया जा चुका है या फिर किया जा सकता है. इसकी पूरी तहकीकात की जरूरत है. ऐसा रायबरेली के अलावा और किन-किन शहरों और राज्यों में हो रहा है. इसकी भी पड़ताल की जानी चाहिए.