Sister Abhaya Case: 2 फादर-1 नन को आपत्तिजनक हालत में देखा तो कुल्हाड़ी से वार, अब मिलेगी सजा
Sister Abhaya Murder Case: सिस्टर अभया मर्डर केस की शुरुआती जांच में केरल (Kerala) पुलिस और राज्य की अपराध शाखा ने मामले को आत्महत्या करार देकर फाइल को बंद कर दिया था. फिर साल 2008 में सीबाआई (CBI) ने फादर पूथरुकायिल, फादर कोट्टूर और नन सेफी को सिस्टर अभया की हत्या के आरोप में अरेस्ट किया.
तिरुवनंतपुरम: 28 साल पहले हुए सिस्टर अभया मर्डर केस (Sister Abhaya Murder Case) में आज (मंगलवार) फैसला सुनाया जाएगा. जब सिस्टर अभया की हत्या की गई तब उनकी उम्र केवल 19 साल ही थी. मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कोर्ट तमिलनाडु के तिरुवनंतपुरम में सिस्टर अभया मर्डर केस (Sister Abhaya Murder Case) में आरोपियों सजा सुना सकती है.
बता दें कि 28 साल पहले 27 मार्च 1992 को केरल में कोट्टायम के सेंट पायस कॉन्वेंट (Pius X Convent) में 19 साल की सिस्टर अभया की डेडबॉडी कुएं से बरामद हुई थी. सिस्टर अभया की हत्या का आरोप कोट्टूर, पूथरुकायिल और सेफी पर लगा था.
शुरुआती जांच में केरल (Kerala) पुलिस और राज्य की अपराध शाखा ने सिस्टर अभया मर्डर केस (Sister Abhaya Murder Case) को आत्महत्या करार देकर फाइल को बंद कर दिया था. लेकिन ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट जोमोन पुथेनपुराकल की कानूनी लड़ाई के चलते 29 मार्च, 1993 को सिस्टर अभया मर्डर केस (Sister Abhaya Murder Case) सीबीआई (CBI) को सौंप दिया गया.
फिर साल 2008 में सीबीआई (CBI) ने पूथरुकायिल, कोट्टूर और सेफी को सिस्टर अभया की हत्या के आरोप में अरेस्ट किया. गौरतलब है कि सिस्टर अभया मर्डर केस में दो दशकों तक कोई नई जानकारी नहीं मिली. फिर 27 साल बाद सुनवाई शुरू होने पर मामले के गवाह एक-एक करके मुकरने लगे.
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लेकिन इसमें नया मोड़ तब आया जब कोर्ट के एक अहम फैसला सुनाने से एक दिन पहले सिस्टर अभया मर्डर केस के मुख्य गवाह राजू उर्फ अदकाका ने एक न्यूज चैनल को बताया कि अपराध कबूल करने के लिए पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया है.
राजू के बयान के मुताबिक, वो सिस्टर अभया की हत्या के दिन बिजली के सामान को चोरी करने के लिए कॉन्वेंट के परिसर घुसा था. इस दौरान उसने 2 फादर और 1 नन को आपत्तिजनक हालत में देखा था. राजू ने आगे कहा कि पुलिस ने उसको बहुत प्रताड़ित किया और अपराध कबूलने का दबाव बनाया लेकिन वो सच्चाई सामने लाना चाहता है.
बता दें कि सीबीआई सिस्टर अभया मर्डर केस में कैथोलिक फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है. इन दोनों के खिलाफ हत्या, सबूत मिटाने और साजिश रचने का आरोप है. इसके अलावा एक अन्य फादर जोश पूथरुकायिल को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया था.
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साल 2007 में सीबीआई (CBI) ने तीनों आरोपियों का नार्को टेस्ट भी करवाया था. हालांकि बाद में कहा गया कि इस रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई. फिर साल 2008 में सीबीआई ने चार्जशीट दायर की. इसके बाद साल 2008 के नवंबर महीने में तीनों आरोपियों को अरेस्ट किया गया. हालांकि, एक महीने के बाद आरोपी फादर और नन को जमानत मिल गई.
कैसे हुई सिस्टर अभया की हत्या
सीबीआई (CBI) की चार्जशीट के मुताबिक, वारदात के दिन सिस्टर अभया एक परीक्षा के लिए सुबह जल्दी उठ गईं. उस वक्त सुबह का करीब चार बजा था. जब वो पानी लेने के लिए किचन में गईं तो वहां 2 पादरियों और 1 नन को आपत्तिजनक हालत में पाया. वहां फादर जोस पूथरुकायिल और फादर थॉमस कुट्टूर सिस्टर सेफी के साथ मौजूद थे.
आरोपियों ने सिस्टर अभया को इस डर से मार दिया कि वो ये बात कहीं किसी को बता ना दें. तीनों ने मिलकर सिस्टर अभया पर हमला कर दिया, जिसके बाद वो बेहोश हो गईं. बाद में सिस्टर अभया का शव कुएं में डाल दिया.
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