चेन्‍नई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हिरासत के दौरान पुलिस की बर्बर पिटाई से पिता-पुत्र की मौत की घटना में बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि उनके खिलाफ पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की थी, वह झूठे तथ्यों पर आधारित थी. सीसीटीवी से इस बात का खुलासा हुआ है. तूतीकोरिन में हुई इस घटना के कारण देश में काफी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.


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एफआईआर में पुलिस ने कहा था कि जयराज और फेनिक्स दुकान में थे. दुकान के बाहर भी कुछ लोग खड़े थे. हमने उनसे लॉकडाउन के नियमों के तहत जाने का निवेदन किया, बाकि लोग वहां से चले गए. लेकिन पिता और पुत्र वहीं बैठ गए और गाली-गलौज करने लगे. उन्होंने चेतावनी देते हुए अपने काम से मतलब रखने को कहा. इसके बाद वे जमीन पर लेटने लगे, जिससे उन्हें कुछ चोटें आईं.


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एफआईआर में पुलिस ने यह भी बताया है कि लॉकडाउन के मद्देनजर विनम्रता से उनसे अनुरोध किया और उन्हें जाने के लिए कहा. दोनों (पिता-पुत्र) ने हमारी बात नहीं मानी और हमें मारने की धमकी दी. हम दोनों को उठाकर पुलिस स्टेशन ले आए और एफआईआर दर्ज की. इन दौरान, उन्होंने हमें अपना कर्तव्य निभाने से रोका, और हमें मारने की धमकी भी दी.


FIR में कहा गया है कि सब-इंस्पेक्टर रघु गणेश ने दोनों पर आईपीसी की धारा 188, 269, 294 (बी), 353 और 506 (ii) के तहत केस दर्ज किया है.


हालांकि एपीजे मोबाइल शॉप के बाहर के कुछ सीसीटीवी फुटेज पिता-पुत्र के मामले में पुलिस के बयान से मेल नहीं खाती है.


स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पुलिस ने जयराज को बुलाया, जिसका वह विरोध किए बिना उनके पास गया था (यह वीडियो पर उपलब्ध नहीं है). लेकिन, सीसीटीवी फुटेज में उनके बेटे फेनिक्स (क्रीम रंग की शर्ट और काली पैंट पहने हुए) और कुछ अन्य लोग दुकान के अंदर हैं और पुलिस का विरोध नहीं कर रहे हैं. एफआईआर में जो कहा गया है, उसके विपरीत, फेनिक्स ने न ही विरोध किया और न ही जमीन में लेटकर पुलिस के प्रयासों का विरोध किया.


स्थानीय लोगों का कहना है कि जयराज (पिता) को पहले पुलिस ने उठाया और थाने ले गई, जिसके बाद बेटा खुद अपने पिता को देखने गया था.


आपको बता दें कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर मोबाइल की दुकान खोलने के आरोप में पुलिस ने तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले के सातनकुलम से जयराज और फेनिक्स को गिरफ्तार किया था. दोनों की कोविलपट्टी के अस्पताल में 23 जून को मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने सातनकुलम थाने में पिता-पुत्र की बर्बर तरीके से पिटाई की थी जिसकी वजह से उनकी मौत हुई.