Unique School: क्या है आचार्यकुलम? जहां आध्यात्मिक माहौल में बच्चों को मिलती है मॉडर्न एजुकेशन
Acharyakulam: अगर आप बच्चों को आधुनिक शिक्षा दिलाने के साथ ही वेदों और संस्कृति से जोड़कर रखना चाहते हैं तो गुरुकुल आचार्यकुलम बेहतर विकल्प साबित होगा. आप यहां अपने बच्चों का दाखिला करा सकते हैं.
Unique School Acharyakulam: बाबा रामदेव की पतंजलि के आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स या दवाओं का सेवन आपने जरूर किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल 2013 से पतंजलि की तरफ से गुरुकुल आचार्यकुलम भी संचालित किया जा रहा है? इसे आज के दौर का मॉडर्न गुरुकुल भी कहा जाता है, जहां मॉडर्न एजुकेशन के साथ ही वेदों की शिक्षा दी जाती है. यहां बच्चों को संस्कृत भी पढ़ाई जाती है. आज हम जानेंगे कि इस गुरुकुल में बच्चों को दाखिला कैसे मिलता है.
दाखिले के लिए होती है प्रवेश परीक्षा
आचार्यकुलम में 5 वीं से लेकर 12 वीं तक की पढ़ाई होती है. इसमें कक्षा 5 और 9 में छात्र-छात्राओं का और कक्षा 6 और 7 में केवल लड़कियों का दाखिला लिया जाता है. आचार्यकुलम में प्रवेश के लिए पूरे भारत में प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है. यह परीक्षा हर साल दिसंबर-जनवरी में आयोजित होती है, जिसमें सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, रिजनिंग और करेंट अफेयर्स से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं.
पूरे देश से लगभग 500 बच्चों को पहले राउंड के एग्जाम के लिए चुना जाता है. इस दौरान चुने गए बच्चों और उनके माता-पिता को 7 दिन के लिए हरिद्वार आचार्यकुलम में रहने का मौका मिलता है. उनकी योग्यता परखने के लिए 7 दिनों बाद फिर एक परीक्षा होती है. इसके बाद 160 बच्चों को आचार्यकुलम में दाखिला मिलता है. इसमें 80 सीटें लड़कों और इतनी ही लड़कियों के लिए होती हैं. हालांकि, सीटें की संख्या समय-समय पर बदल सकती हैं.
इतनी लगती है फीस
आचार्यकुलम में 5वीं में दाखिले के समय बच्चे की साल भर की फीस के तौर पर पेरेंट्स को 2,02,000 रुपये अदा करना होता है, जिसमें ट्यूशन फीस और रहने-खाने का खर्चा शामिल होता है. इसमें 30,000 रुपये इंप्रेस्ट के होते हैं यानी कि गुरुकुल के स्टोर से जरूरी सामान का खर्च. यह रकम दो किस्तों में दी जा सकती है. वहीं, फीस में भी समय-समय पर बदलाव होता रहता है.
आचार्यकुलम की स्थापना का लक्ष्य
योगऋषि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के मार्गदर्शन के तहत आचार्यकुलम अपने छात्रों को प्रगतिशील शिक्षा के साथ आध्यात्मिक माहौल देता है. आचार्यकुलम का लक्ष्य भारतीय संस्कृति के सदियों पुराने और अग्रणी वैज्ञानिक ज्ञान के माध्यम से जागृत और जागरूक विद्वानों को तैयार करना है. यहां छात्रों के सपनों और आकांक्षाओं का पूरा ख्याल रख जाता है.
बच्चों का बेहतरीन प्रदर्शन
यहां के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर योग, वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिताओं जैसी तमाम गतिविधियों में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से खुद को साबित किया है. आचार्यकुलम में विश्व स्तरीय प्रशिक्षक छात्रों को उत्साहपूर्वक और सख्ती से प्रशिक्षित करते हैं, ताकि हर स्टूडेंट अपने सभी लक्ष्यों को हासिल करने के योग्य बन सके.
आचार्यकुलम की प्राथमिकता
शिक्षकों और छात्रों दोनों की स्किल्स बढ़ाना आचार्यकुलम की सबसे पहली प्राथमिकता है. स्मार्ट क्लासेस, लेटेस्ट स्टडी मटेरियल और नवीन शिक्षाशास्त्र के माध्यम से बच्चों का पढ़ाई को जीवंत और रचनात्मक बनाया गया है. आचार्यकुलम में छात्र मॉडर्न एयर-कूल्ड हॉस्टल्स में रहते हैं. यहां प्रसिद्ध आहार विशेषज्ञों द्वारा छात्रों की पोषण संबंधी जरूरतों का ध्यान रखा जाता है.