CBSE 10th-12th Result 2022: दिल्ली के 255 सरकारी स्कूलों में हुए 100 प्रतिशत छात्र पास
CBSE 10th-12th Result 2022: दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए एक बयान में कहा गया कि इस साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षा 12वीं का पासिंग प्रतिशत 96.29 प्रतिशत रहा हैं, जो देश के कुल पासिंग प्रतिशत 92.71 प्रतिशत से भी अधिक है.
CBSE 10th-12th Result 2022: सीबीएसई (CBSE) की तरफ से शुक्रवार, 22 जुलाई को कक्षा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी किए गए थे. इस परीक्षा में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षा 12वीं के छात्रों का कुल पास प्रतिशत 96.29 प्रतिशत रहा, जबकि कक्षा 10वीं के छात्रों का पास प्रतिशत 81.27 प्रतिशत रहा. दिल्ली के कुल 160 सरकारी स्कूलों के कक्षा 12वीं के छात्रों ने 100% पासिंग प्रतिशत दर्ज किया है. इसी प्रकार दिल्ली के 95 सरकारी स्कूलों के कक्षा 10वीं के छात्रों का पासिंग प्रतिशत भी 100% रहा है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि महामारी से पहले की स्थिति की तुलना में बोर्ड परीक्षा में पास होने वाले छात्रों की संख्या में हुई वृद्धी सचमुच काबिले तारीफ है. सरकार ने एक बयान में कहा कि इस साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षा 12वीं का पासिंग प्रतिशत 96.29 प्रतिशत रहा हैं, जो देश के कुल पासिंग प्रतिशत 92.71 प्रतिशत से भी अधिक है.
अगर बात करें कक्षा 10वीं की तो दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों ने कुल 81.27% पास प्रतिशत दर्ज किया है, जो देश के कुल पासिंग प्रतिशत 94.40% की तुलना में काफी कम है. बता दें कि पिछले साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षा 10वीं का पासिंग प्रतिशत 99.04 प्रतिशत था. सरकार द्वारा दिए गए बयान में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा शुक्रवार को कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित किए गए थे और दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों ने कोविड - 19 के बावजूद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखा है.
शिक्षा निदेशालय (DoE) द्वारा संचालित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालयों (RPVV) ने इस साल कक्षा 12वीं में 99.80% और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (SoE) ने 99.69% का पासिंग प्रतिशत दर्ज किया है. RPVV के लगभग 99.27 प्रतिशत छात्रों ने कक्षा 10 की परीक्षा पास की है, जबकि SoE के 100 प्रतिशत छात्रों ने कक्षा 10 की परीक्षा उत्तीर्ण की है.
सरकार द्वारा दिए गए बयान में यह भी कहा गया कि, सबसे अहम बात यह है कि पिछले दो सालों में कोरोना वायरस के कारण स्कूलों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई और भावनात्मक कल्याण पर काफी गहरा असर पड़ा है. हालांकि, इसके बावजूद, जब इस साल की शुरुआत में स्कूलों को नियमित आधार पर फिर से खोला गया, तो छात्र और शिक्षकों ने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की और अपना बेस्ट दिया.