DU के कॉलेजों को समझ रहे केवल परीक्षा केंद्र तो संभल जाए, कम उपस्थिति वाले छात्र नहीं दे पाएंगे परीक्षा!
Delhi University: दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल हो सकती हैं. ऐसे छात्र जो कॉलेज नहीं जाते या क्लासेस अटेंड नहीं करते, उन्हें परीक्षा से वंचित रखा जा सकता है. जानिए कम उपस्थिति वाले छात्रों के लिए क्या फैसला लिया है...
Delhi University Colleges: दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए एक बहुत ही जरूरी खबर है. दरअसल, साउथ दिल्ली स्थित शहीद भगत सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल ने बीते शनिवार को यह ऐलान किया है कि ऐसे स्टूडेंट्स जिनकी अटेंडेंस बहुत कम है, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने घोषणा की हैं कि 3,600 स्टूडेंट्स में से 1,397 को हिरासत में लिया जाएगा, क्योंकि उनकी उपस्थिति 40 फीसदी से कम है. इनमें से ऐसे 200 स्टूडेंट्स, जिन्होंने कोई भी क्लास अटेंड नहीं की.
जानकारी के मुताबिक प्रिंसिपल ने कहा कि 1,022 अन्य स्टूडेंट्स को एक शपथ पत्र जमा करना होगा कि वे अगले सेमेस्टर में अपनी कम उपस्थिति को कवर करेंगे. कॉलेज प्रशासन ने इसके लिए 12 दिसंबर तक का समय दिया है.
वहीं, शेख सराय कॉलेज के प्रिंसिपल अरुण कुमार अत्री ने क्लासेस अटेंड करने वाले स्टूडेंट्स के ढीले रवैये पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, "कई छात्र केवल औपचारिकता के तौर पर किसी भी कोर्स में एडमिशन ले लेते हैं.
लो अटेंडेंस होने पर एडमिट कार्ड नहीं होगा जारी
नए जारी नोटिस के मुताबिक स्टूडेंट्स को दिल्ली विश्वविद्यालय के मानदंडों के तहत एक सेमेस्टर में 40 फीसदी से कम अटेंडेस वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम का एडमिट कार्ड जारी नहीं करने का फैसला लिया है.
न्यूनतम उपस्थिति मानदंड
ऐसे स्टूडेंट्स जिनकी अटेंडेंट 40 से लेकर 66.6 फीसदी तक है, उन्हें अगले सेमेस्टर में लो अटेंडेंट को कवर करने और यह सुनिश्चित करने के लिए शर्त के साथ प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे कि दोनों सेमेस्टर के लिए संयुक्त औसत उपस्थिति कम से कम 66.6 फीसदी होनी चाहिए. छात्रों के पास उपस्थिति संबंधी विसंगतियों को सुधारने के लिए 12 दिसंबर तक का समय है. अगर वे तय तक अंडरटेकिंग जमा नहीं करते हैं तो उन्हें एडमिट कार्ड प्रदान नहीं किया जाएगा.
शेख सराय कॉलेज के प्रिंसिपल अरुण कुमार अत्री ने कहा, "कुछ छात्र खेल गतिविधियों के कारण अनुपस्थित थे, लेकिन कुछ बाहर कोर्स कर रहे हैं या क्लासेस अटेंड करने के बजाय अपने पारिवारिक व्यवसाय पर ध्यान दे रहे हैं. अब बस बहुत हो गया हम इस तरह आगे नहीं बढ़ सकते. कॉलेजों को छात्रों की उपस्थिति की परवाह करना होगा."
स्टूडेंट्स कॉलेज तो समझ रहे परीक्षा केंद्र
अत्री ने ऑनलाइन प्रवेश में जवाबदेही की कमी की आलोचना की, उन्होंने कहा कि छात्र सीयूईटी के जरिए दाखिला लेने के बाद अब कॉलेज को केवल एक परीक्षा केंद्र मानते हैं और केवल एग्जाम देने के लिए ही आते हैं.