नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) ने बुधवार को ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड लॉन्च किया है. इसके तहत कक्षा 9, 10, 11 और 12 के साथ ही हायर एजुकेशन की सभी कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड लगाने की योजना है. सरकार की तीन साल में कुल 9 लाख स्कूल और कॉलेज में डिजिटल बोर्ड लगाने की योजना है. इसमें 7 लाख स्कूल और 2 लाख कॉलेज में शामिल किया जाएगा. इस काम को सरकार ने साल 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.


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बजट में हुई थी ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड की घोषणा
वित्त मंत्री की तरफ से साल 2018-19 के बजट में ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड की घोषणा की गई थी. इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के आधार पर सरकार की तरफ से इस कार्यक्रम को इसी साल शुरू किया जा रहा है. स्कूलों को ब्लैक बोर्ड से लैस करने के लिए सरकार ने करीब 50 साल पहले ऑपरेशन चलाया था. इसके तहत हर सरकारी स्कूल की कक्षाओं में छात्रों को ब्लैक बोर्ड के जरिये शिक्षा दी गई.


60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी
ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड कार्यक्रम के तहत हर क्लासरूम में डिजिटल बोर्ड की कल्पना की गई है. इस योजना के अंतर्गत तीन साल में कुल 7 से 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस योजना के क्रियान्वयन में होने वाले खर्च का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा और बाकी 40 फीसदी संबंधित राज्य सरकार वहन करेगी. अभी यह योजना सिर्फ सरकारी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में लागू की जा रही है.



डिजिटल बोर्ड के फायदे
सरकार का मानना है कि कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड लगने से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव आएगा. डिजिटल बोर्ड के लिए जरूरी पाठ्यक्रम को डिजीटल फॉर्मेट में तैयार करने की भी योजना है. बताया जा रहा है सरकार की यह भी योजना है कि डिजीटल बोर्ड के माध्यम से रोजाना एक विषय के विशेषज्ञ से भी रूबरू कराया जाए. यह अध्यापक एक जगह से बैठकर तमाम स्कूलों के छात्रों को एक बार में पढ़ा सकेगा.