Vice Chancellor Of JMU: स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मजहर आसिफ को जामिया मिल्लिया इस्लामिया का कुलपति नियुक्त किया गया. काफी समय से यह पद खाली पड़ा था. आइए जानते हैं कौन हैं प्रोफेसर मजहर आसिफ..
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Jamia Millia Islamia New VC: जामिया मिलिया इस्लामिया में 22 अक्टूबर को दीवाली सेलिब्रेशन के दौरान कैंपस में दो छात्र गुटों में झड़प हो गई. किसी तरह यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हस्तक्षेप कर मामला शांत किया और कैंपस के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया. हालांकि, आज भी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बवाल के बीच जामिया मिलिया इस्लामिया को नया वाइस चांसलर मिल गया है. अब प्रोफेसर मजहर आसिफ यह जिम्मेदारी निभाएंगे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोफेसर मजहर आसिफ को जामिया मिलिया इस्लामिया का कुलपति नियुक्त किया है. मजहर आसिफ वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के स्कूल ऑफ लैंग्वेज में प्रोफेसर हैं. बतौर वीसी प्रोफेसर मजहर आसिफ की नियुक्ति से विश्वविद्यालय प्रशासन और शैक्षणिक व्यवस्था में नई ऊर्जा और दिशा आने की उम्मीद की जा रही है.
जेएनयू के पूर्व छात्र भी हैं प्रोफेसर
12 नवंबर 2023 को प्रोफेसर नजमा अख्तर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. प्रो. नजमा के इस्तीफे के बाद से कुलपति का पद खाली पड़ा था. इसके बाद से ही जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में कुलपति का नियुक्ति का इंतजार था. हालांकि, 22 मई 2024 से अब तक प्रोफेसर शकील अहमद कार्यवाहक कुलपति के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे थे. बता दें कि प्रोफेसर आसिफ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ही पूर्व छात्र हैं.
Prof Mazhar Asif, School of Languages, JNU appointed as Vice Chancellor of Jamia Milia Islamia pic.twitter.com/90huPOtcMH
ANI (@ANI) October 24, 2024
लंबे समय से था इंतजार
जानकारी के मुताबिक जामिया में वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए नाम शॉर्टलिस्ट करने के लिए गठित सर्च कमेटी ने 31 जनवरी को पहली बैठक की थी. इसके बाद 15 फरवरी को हुई दूसरी बैठक में प्रोफेसर मजहर के नाम पर सहमति बनी. शॉर्टलिस्ट किए गए नाम को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, तभी से राष्ट्रपति द्वारा वीसी के नाम की घोषणा का इंतजार था.
कब तक के लिए हुई नियुक्ति?
आसिफ की नियुक्ति उनके कार्यभार संभालने की तारीख से 5 साल की अवधि के लिए या 70 साल की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) के लिए की गई है. जेएनयू के पूर्व छात्र मजहर आसिफ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मसौदा समिति के सदस्य थे. इसके अलावा प्रोफेसर आसिफ शिक्षा के लिए राष्ट्रीय निगरानी समिति और NAAC सहकर्मी टीम के मेंबर भी हैं.