GK: ये है इंडिया की Most Dangerous Road, यहां धुरंधर ड्राइवर के भी छूट जाते हैं पसीने, नहीं कर सकते जरा सी चूक
Most Dangerous Road Of India: भारत की सबसे खतरनाक सड़क के बारे में जानिए, जहां से गुजरने पर अगर सावधानी नहीं बरती तो सही सलामत लौटकर आना बड़ा मुश्किल हो जाता है. इस खूबसूरत रोड की राह आसान नहीं है.
Most Dangerous Road Of India: आपने अब तक भारत में कई खूबसूरत जगहों की सैर की होगी. एक से बढ़कर एक खूबसूरत नजारे देखें होंगे. लोगों को सबसे ज्यादा प्रकृति की सुंदरता भाती हैं, जिस देखने लोग अक्सर हरी-भरी वादियों या हिल स्टेशनों का रुख करते हैं. हिल स्टेशनों पर साफ-सुथरी नदियां और झरने, बर्फ और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ होते हैं जिनकी सुंदरता दिल को छूल लेती है.
ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों वाली जगहों पर गहरी घाटियां होती हैं और यहां हमें खतरनाक सड़कों और ब्लाइंड कर्व से होकर गुजरना होता है. आज हम आपको एक ऐसी ही सड़क के बारे में बताने रहे हैं, जो बेहद खूबसूरत तो है, लेकिन इसकी राह बड़ी मुश्किल भरी है. साथ ही जानेंगे देश की मोस्ट डेंजरज रेड के बारे में कुछ आश्चर्यजनक बातें...
भारत के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक है
यह रास्ता जम्मू-कश्मीर के ज़ोजिला (Zoji La) के पास है, जो नेशनल हाइवे 1D पर है और श्रीनगर को लेह को जोड़ने का काम करता है. इस सड़क पर जाना यानी कि 12 हजार फीट की ऊंचाई पर जाकर जान जोखिम में डालने जैसा है. ज़ोजिला पास की गिनती भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में की जाती है. यह रास्ते बहुत ऊंचा होने के साथ ही इसके एक तरफ गहरी खाई है, इसलिए इसे जोखिम भरी राह कहा जाता है.
समुद्र तल से ऊंचाई
ज़ोजिला पास समुद्र तल से करीब 3528 मीटर यानी कि 11,575 फीट की ऊंचाई पर है. श्रीनगर से सोनमर्ग जाने के लिए जोजिला पास से होकर गुजरना पड़ता है. इसकी सड़क की कुल लंबाई तकरीबन 9 किलोमीटर ही है, लेकिन इसे पार करने में ही घंटों गुजर जाते हैं.
इन दिनों में यहां जाना है मुश्किल
ज़ोजिला पास को सर्दियों के मौसम में बंद कर दिया जाता है. दरअसल, इस समय भारी बर्फबारी होने के चलते पूरे इलाके में बर्फ की मोटी परत बिछ जाती है, जिसके चलते रास्ता बंद करना पड़ता है. इस वजह से लद्दाख में सामान की सप्लाई पर असर पड़ता है.
यह रास्ता बारिश के मौसम में तो और ज्यादा खतरनाक हो जाता है. इस समय यह रास्ता फिसलन भरा हो जाता है और लैंडस्लाइड्स का खतरा सबसे ज्यादा होता है. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि इस रास्ते पर चलना जान हथेली पर लेकर चलने जैसा है.