JEE Advanced Topper 2023: आईआईटी गुवाहटी द्वारा जेईई एडवांस्ड 2023 की परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. जारी किए गए परिणाम के मुताबिक, 17 वर्षीय वविलाला चिदविलास रेड्डी ने जेईई एडवांस में 360 में से 341 अंक प्राप्त करते हुए टॉप किया है. वविलाला ने पिछले चार सालों में एक अटूट फोकस के साथ इस परीक्षा की तैयारी की थी. उन्होंने रोजाना सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक खुद को इस परीक्षा की पढ़ाई के लिए के लिए समर्पित कर दिया था. उन्होंने छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं को भी अपने सामने नहीं आने दिया. मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक, रेड्डी ने कहा, हालांकि मुझे टॉप 5 में शामिल होने का अनुमान था, लेकिन मुझे ऑल इंडिया टॉपर बनने की काफी खुशी है.


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रेड्डी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता द्वारा दिए गए अटूट समर्थन को देते हैं. बता दें कि वविलाला के पिता का नाम राजेश्वर रेड्डी है, जो गिरि कोठापल्ली में एक सरकारी शिक्षक है और मां का नाम नागालक्ष्मी रेड्डी है, जो इरविन में एक सरकारी शिक्षक हैं. माता-पिता दोनों तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के मडगुल के सरकारी स्कूल में गणित के शिक्षक हैं.


इसके अतिरिक्त, वह अपने शिक्षकों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य प्रोत्साहन और मार्गदर्शन को भी अपनी सफलता का कारण बताते हैं. महज 11 साल की उम्र से, रेड्डी हैदराबाद के श्री चैतन्य स्कूल एंड जूनियर कॉलेज में छात्र रहे हैं, जहां उन्होंने अपने आईआईटी के सपने को आगे बढ़ाने का शुरुआती फैसला किया था.


रेड्डी बताते हैं कि "मेरा भाई श्री चैतन्य में था, और वह अब बिट्स पिलानी में बीटेक के फाइनल ईयर में है. मैं उनके नक्शेकदम पर चल रहा हूं. मैं 9वीं कक्षा से जेईई की तैयारी कर रहा हूं. मैंने बहुत मेहनत की, और मेरे टीचरों ने मुझे आत्मविश्वास और प्रेरणा प्रदान की. रोजाना सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक मैं नहाने, खाने और नाश्ता करने के लिए जरूरी ब्रेक को छोड़कर हर पल का सदुपयोग करता था. अन्यथा, मैं पूरी तरह से अपनी तैयारियों में लगा हुआ था."


रेड्डी आगे कहते हैं कि "मैंने आईआईटी जेईई एडवांस और मेंस से संबंधित कई किताबों का इस्तेमाल करते हुए बड़े पैमाने पर अध्ययन किया. अनियमित खाने की आदतों के कारण कभी-कभी बुखार और पेट में दर्द जैसी मामूली स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बावजूद, मुझे किसी बड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा."


बता दें कि वविलाला का लक्ष्य आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक करना है. आने वाले सालों में, वह खुद को एक कंप्यूटर साइंटिस्ट, इनोवेटर या सरकार के साथ काम करने के रूप में खुद को देखते हैं.