मुंबई: 'शोले' के 'सूरमा भोपाली' के किरदार से फैंस के दिलों में छा जाने वाले मशहूर एक्टर जगदीप नहींं रहे. उनका असली नाम सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी था. अपने किरदार से लोगों को प्रभावित करने वाले जगदीप को लोग उनके रियल नाम से नहीं बल्कि रील नाम से ही जानते थे. बीआर चोपड़ा की फिल्म 'अफसाना' से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाले जगदीप ने बॉलीवुड में लंबा सफर तय किया. उन्होंने 400 से भी ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया.


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'शोले' में 'सूरमा भोपाली' के अलावा जगदीप ने 'पुराना मंदिर' फिल्म में 'मच्छर' और 'अंदाज अपना-अपना' में सलमान खान के पिता का यादगार रोल निभाया था. ये किरदार आज भी लोगों के जेहन में जिंदा हैं.


जानिए कैसे मिला सूरमा भोपाली का रोल
एक इंटरव्‍यू में इस संबंध में जगदीप ने कहा था कि वह एक फिल्‍म में कॉमेडियन थे. लेकिन उनको जो डॉयलाग दिए गए थे वे बहुत लंबे थे. फिल्‍म निर्देशक से इस बारे में कहा तो उन्‍होंने कहा कि इस फिल्‍म के लेखक सलीम-जावेद हैं. जावेद यहीं पास में बैठे हैं और उनसे बात कर लो. जावेद से जब समस्‍या बताई तो उन्‍होंने उनको छोटा करते हुए मात्र पांच लाइनों में बात खत्‍म कर दी. वहीं से उनसे दोस्‍ती हो गई. उनसे अक्‍सर शाम को मुलाकात होने लगी. एक बार इसी दौरान उन्‍होंने भोपाली लहजे में कुछ कहा. वो बात ध्‍यान में बनी रही. उसके बाद 'शोले' में जब मौका मिला तो उस लहजे को अपनाया.  


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