`3 इडियट्स` का वो सीन... जो खुद राजकुमार हिरानी की रियल लाइफ से था प्ररित; माधवन ने लगा दिए थे चार-चांद
3 Idiots: साल 2009 में आई राजकुमार हिरानी की फिल्म `3 इडियट्स` में आमिर खान, आर माधवन, शरमन जोशी और बोमन ईरानी जैसे कलाकार साथ नजर आए थे, लेकिन आपको जानकर हैरान होगी कि फिल्म का एक सीन खुद राजकुमार हिरानी की असल जिंदगी से प्रेरित था.
3 Idiots Scene Was Inspired by Rajkumar Hirani Real Life: हिंदी सिनेमा के दिग्गज और शानदार डायरेक्टर्स में गिने जाने वाले राजकुमार हिरानी ने बॉलीवुड को कई हिट और सुपरहिट फिल्में दी हैं, जिनको दर्शकों का बेहद प्यार मिला. उनकी इन्हीं फिल्मों में से एक साल 2009 में आई फिल्म '3 इडियट्स' भी शामिल है, जिसमें आमिर खान, करीना कपूर खान, आर माधवन, शरमन जोशी और बोमन ईरानी जैसे कलाकार साथ नजर आए थे.
फिल्म में सभी कलाकारों के किरदारों को बेहद पसंद किया गया था. साथ ही फिल्म की कहानी को भी दर्शकों ने खूब सराहा था, लेकिन बेहद ही कम लोग ये जानते हैं कि फिल्म का एक सीन खुद फिल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी की असल जिंदगी से प्रेरित था. जी हां, '3 इडियट्स' में आर माधवन, जो फरहान के किरदार में नजर आ रहे हैं और उसके पिता के बीच हुई बातचीत वाला सीन हिरानी के अपने जीवन के अनुभवों से प्रेरित था, जो दर्शकों को भी बेहद पसंद आया था.
फिल्म का ये सीन था हिरानी की लाइफ से प्रेरित
हाल ही में एक इवेंट के दौरान, राजकुमार हिरानी ने अपनी लाइफ और फिल्मों के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि वे शुरुआत में एक इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन अपने चाचा के सुझाव पर उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई की. इस दौरान उन्होंने अपने पिता से कहा कि वे सीए नहीं करना चाहते. उसी सीन को राजकुमार हिरानी ने अपनी फिल्म '3 इडियट्स' में फरहान और उसके पिता के बीच की हुई कन्वर्सेशन पर फिल्माया था. इस सीन को खूब पसंद किया गया था.
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ऐसे पिता से हिरानी ने कही थी दिल की बात
इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ''3 इडियट्स' का वो सीन जिसमें आर. माधवन अपने पिता से कहते हैं कि वे वाइल्डलाइफ फ़ोटोग्राफ़र बनना चाहते हैं. मेरे अपने जीवन के एक पल को दिखाता है. मैंने अपने पिता को ये बताने का साहस जुटाया था कि मैं चार्टर्ड अकाउंटेंट नहीं बनना चाहता और उन्होंने मुझे उन्हे ज्वाइन करने के पिए कहा था. जब उन्होंने मेरा फैसले को माना तो मुझे बहुत खुशी हुई और राहत महसूस हुई. तब से, मैं सुबह अपने पिता के साथ काम करता था और शाम को थिएटर के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाता था'.