Accident or Conspiracy Godhra Latest Hindi Movie on Godhra Massacre: कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी द कश्मीर फाइल्स फिल्म के बाद केरल में हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर उन्हें मरने के लिए सीरिया-अफगानिस्तान भेजने पर आधारित द केरल स्टोरी मूवी इन दिनों जमकर चर्चा बटोर रही है. लोग पहली बार इस बात को गंभीरता से महसूस कर रहे हैं कि किस तरह सुनियोजित तरीके से हिंदू धर्म की जड़ों पर हमला कर लोगों को अपने धर्म से विमुख करवाया जा रहा है. अब राष्ट्रवादी फिल्मों की इसी कड़ी में एक और बड़ी फिल्म आने वाली है.  


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गोधरा पर बनी फिल्म का टीजर हुआ जारी


गुजरात के गोधरा नरसंहार पर बनी फिल्म ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ (Accident or Conspiracy Godhra) का टीजर मंगलवार को जारी कर दिया गया. फिल्म के निर्देशक बीजे पुरोहित और रामकुमार पाल हैं, जबकि इसे डायरेक्ट एमके शिवाक्ष ने किया है. यह फिल्म गोधरा नरसंहार मामले की जांच के लिए बनी नानावती-मेहता आयोग की जांच रिपोर्ट के तथ्यों पर आधारित है. 


59 लोगों को जलाकर मार दिया गया था


टीजर देखने से लग रहा है कि यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गोधरा में 59 लोगों को जलाकर मार डालने की घटना की पड़ताल करती हुई दिखती है. आज से 21 साल पहले घटी इस वीभत्स घटना में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए अयोध्या से कारसेवा करके लौट रहे लोगों को S-6 कोच में घेरकर जिंदा जलाकर मार दिया गया था. इस घटना में 27 महिलाओं और 10 बच्चों समेत कुल 59 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. 


'फिल्म बनाने के लिए 4 वर्ष की गई रिसर्च'


फिल्म के निर्देशक एमके शिवाक्ष के मुताबिक, इस मूवी को बनाने के लिए 4 वर्षों तक लगातार रिसर्च की गई. इस दौरान जो तथ्य सामने आए, उन्हें सामने रखकर इस फिल्म का निर्माण शुरू किया गया. लोगों को ला रही ट्रेन पर हमले की प्लानिंग पूर्व निर्धारित थी या यह इत्तेफाकन घटना थी. इन सब सवालों के जवाब इस फिल्म में देखने को मिलेंगे.


'लोगों की चीखें सुनने पर भी दिल क्यों नहीं पसीजा'


फिल्म के प्रोड्यूसर बीजे पुरोहित के अनुसार, लोग अक्सर गोधरा हत्याकांड को 2002 के हिन्दू- मुस्लिम दंगों के रूप में जानते हैं लेकिन इसके पहले का गोधरा क्या था, वह कैसा दिखता था? आखिर ऐसा कौन सा सच है, जिसे गुजरात दंगों की आड़ में दबा दिया गया? यह घटना करने के पीछे दंगाइयों की किस तरह की मानसिकता रही होगी. लोगों की चीखें सुनने के बावजूद उनका दिल क्यों नहीं पसीजा, यही सब इस फिल्म में दिखाया गया है.


देखें टीजर:



आखिर क्या है गोधरा सामूहिक हत्याकांड?


बताते चलें कि 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब 5 घंटे देरी से गोधरा पहुंची. ट्रेन की बोगी नंबर S-6 में अयोध्या से कारसेवा करके लौट रहे लोग सवार थे. इस स्टेशन पर ट्रेन को केवल 5 मिनट रुकना था. जब ट्रेन चलने लगी तो किसी ने जंजीर खींचकर उसे रुकवा लिया. इसके बाद स्टेशन के आसपास बसी घांची मुसलमानों की करीब 2 हजार की भीड़ ने ट्रेन के इंजन रूम से लेकर पूरे स्टेशन पर कब्जा जमा लिया. वे घांची मुसलमान स्टेशन पर अवैध रूप से कोल्ड ड्रिंक और दूसरे सामान बेचने का काम करते थे. 


मस्जिद से लगाए जा रहे थे भड़काऊ नारे


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दंगाइयों ने पहले ट्रेन पर पथराव किया. उनका ज्यादा जोर S-6 कोच पर था. इस बोगी में सवार लोगों पर हमले के लिए जब उन्होंने अंदर घुसना चाहा तो लोगों ने दरवाजा अंदर से बंद करके खिड़कियां लगा ली. इसके बाद बाहर खड़े हमलावरों ने उत्तेजक नारे लगाते हुए खिड़कियों के जरिए पेट्रोल छिड़कर कोच में आग लगा दे. जिसके चलते कोच के अंदर फंसे 59 लोग जिंदा जलकर मर गए. आरोप है कि जब मौत का ये नंगा नाच चल रहा था तो पास की मस्जिद के लाउडस्पीकर से भड़काऊ नारे लगाकर हमलावरों को लगातार उकसाया जा रहा था.