नई दिल्ली: अपनी आत्मकथा 'लेसन्स लाइफ टॉट मी अननोइंगली' को लेकर दिग्गज अभिनेता अनुपम का कहना है कि उन्होंने इसमें अपनी जिंदगी की कहानी को कलमबद्ध किया है, ताकि वह अपने सफर को साझा भी कर सकें और किसी को तकलीफ पहुंचाए बिना अपना सच भी सामने ला सकें. 


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यह पूछे जाने पर कि उन्होंने किसी और को अपनी जीवनी क्यों नहीं लिखने दी, तो इस पर अभिनेता ने आईएएनएस से कहा, "लोगों के साथ सिर्फ मैं ही अपना सच साझा कर सकता हूं, दूसरे व्यक्ति द्वारा की गई व्याख्या (मेरे जीवन के बारे में) आलोचनात्मक हो सकती है." 



अभिनेता ने आगे कहा, " यह मेरी आत्मकथा है जो मैंने अपने जीवन की सच्चाई को साझा करने के लिए लिखी है जिस तरह से लोग मुझे जानना चाहते हैं, कोई मुझ पर शोध कर सकता है और एक किताब लिख सकता है." 


इस आत्मकथा प्रकाशक ने हाल ही में बयान जारी कर कहा था कि अनुपम खेर के जीवन की कहानी, किसी भव्य मसाला बॉक्स ऑफिस हिट से कम नहीं है. भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार अनुपम खेर ने विभिन्न भाषाओं की 530 से अधिक फिल्मों में काम किया है. 



बता दें कि अनुपम खेर को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार और आठ फिल्म फेयर पुरस्कार मिल चुके हैं. इसके अलावा वह एक बार बाफ्टा में नामांकित हो चुके हैं. उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है. खेर ने भारत में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'सारांश' और 'डैडी' फिल्मों से की थी. 
(इनपुट आईएएनएस से भी) 


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