Ayushmann Khurrana Happy Birthday: अपने एक्टिंग करियर की जिन डेढ़ दर्जन फिल्मों में से आयुष्मान खुराना को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली, उनमें निर्देशक श्रीराम राघवन की अंधाधुन (Andhadhun) शामिल है. फिल्म की न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर चर्चा हुई. लेकिन रोचक बात है कि फिल्म के लीड हीरो के रूप में आयुष्मान निर्देशक की पहली पसंद नहीं थे. राघवन एक नेपो-किड को पहले साइन कर चुके थे, मगर फिर उसके साथ बात नहीं बनी. तब आयुष्मान को कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा (Mukesh Chabra) से राघवन की फिल्म के बारे में पता चला और आगे चलकर वह निर्देशक से मिलने गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तीन महीने तैयारी
फिल्म एक पियानो वादक की कहानी है. आयुष्मान ने फिल्म के लिए लॉस एंजिल्स स्थित पियानो टीचर से यह वाद्य बजाना सीखा. चूंकि फिल्म में एक बढ़िया पियानो दिखाना था, तो इसके लिए निर्माता-निर्देशक ने जापान की कंपनी कवाई का पियानो दिखाया गया. चूंकि यह महंगा था, इसलिए कंपनी को फिल्म में इसे इस्तेमाल की इजाजत देने के लिए धन्यवाद दिया गया. फिल्म में लीड हीरो को नेत्रहीन बताया गया, तो रोल की तैयारी में आयुष्मान ने तीन महीने का समय लिया. तैयारी के लिए न केवल वह नेत्रहीनों के स्कूलों में गए बल्कि कई बार वह आंखों पर पट्टी बांधकर घर में रहते और कई बार सड़क पर निकल जाते. फिल्म की शूटिंग पर आयुष्मान को सचमुच दिखाई न दे इसके लिए लंदन ने विशेष कॉन्टेक्स लैंस मंगाए गए, जिन्हें लगाने के बाद उन्हें लगभग 80 फीसदी तक दिखना बंद हो जाता था.


ऐसे मिली प्रेरणा
मात्र 32 करोड़ रुपये के बजट में बनी फिल्म ने दुनिया भर में 456 करोड़ रुपये के आस-पास बॉक्स ऑफिस कमाई की. जिसमें से सबसे ज्यादा चीन में 335 करोड़ रुपये कमाए थे. भारत में फिल्म ने सौ करोड़ रुपये का बिजनेस किया. चीन में फिल्म ने भारत की बॉक्स ऑफिस कमाई को मात्र छह दिन में पार कर लिया था. फिल्म साउथ कोरिया में भी रिलीज की गई थी. बाद में तमिल, तेलुगु और मलयालम में फिल्म का अलग-अलग रीमेक हुआ. श्रीराम राघवन ने बाद में माना कि अंधाधुन बनाने की प्रेरणा उन्हें 2010 की फ्रेंच शॉर्ट फिल्म द पियानो टूनेर देखकर मिली. हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म मूल फिल्म से अलग है.