Exclusive! विक्की कौशल को देख पहचान नहीं पाएंगे! इस दमदार किरदार के लिए बदला रूप
`राजी` जैसी ब्लॉकबस्टर के बाद यह दूसरा मौका होगा जब मेघना गुलजार के साथ विक्की कौशल काम करने वाले हैं...
नई दिल्ली: साल की शुरुआत में 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' से फौजी के अवतार में पूरे देश का दिल जीतने वाले एक्टर विक्की कौशल अब एक बार फिर अपने फौजी रूप से लोगों के बीच आने के लिए तैयार हैं. लेकिन विक्की का यह नया वाला फौजी रूप देखकर आप उन्हें पहली नजर में पहचान भी नहीं पाएंगे. क्योंकि यह कोई कोई आम गेटअप नहीं बल्कि जांबाज फील्ड मार्शल मानेक शॉ का किरदार निभाने जा रहे हैं. फिल्म का फर्स्टलुक जारी होते ही विक्की एक बार फिर इंटरनेट पर छा रहे हैं.
फेमस फिल्ममेकर मेघना गुलजार मानेक शॉ के जीवन पर एक फिल्म का निर्देशन करने के लिए पूरी तरह तैयार नजर आ रही हैं. 'राजी' जैसी ब्लॉकबस्टर के बाद यह दूसरा मौका होगा जब मेघना गुलजार के साथ विक्की कौशल काम करने वाले हैं. विक्की कौशल ने सोशल मीडिया पर खुद इस बात की जानकारी दी है. देखिए यह तस्वीर...
विक्की कौशल ने फिल्म से अपने लुक को साझा करने के लिए इंस्टाग्राम का सहारा लिया है. जहां तस्वीर के साथ कैप्शन में अभिनेता ने लिखा है, "मैं इस निडर देशभक्त, हंसमुख जनरल, भारत के पहले फील्ड मार्शल- SAM MANEKSHAW की यात्रा को अंजाम देने का मौका पाकर सम्मानित, भावुक और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहा हूं और नया आलिंगन कर रहा हूं. @meghnagulzar और #RonnieScrewvala के साथ शुरुआत...''
बता दें कि हाल ही में मेघना गुलजार ने दीपिका पादुकोण के साथ 'छपाक' की शूटिंग पूरी की है. खबरों की मानें तो मानेक शॉ के जीवन पर बनने जा रही यह फिल्म 'राजी' की शूटिंग के दौरान ही प्लान की गई थी. मेघना ने यह भी खुलासा किया कि उनकी फिल्म एक बायोपिक नहीं है. मेघना ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, "हमारी फिल्म बायोपिक नहीं है, क्योंकि यह कालानुक्रमिक रूप से सिर्फ मानेक शॉ के जीवन को रिकॉर्ड नहीं करती है. हमने इसमें उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण, प्रतिष्ठित और प्रासंगिक घटनाओं को उठाकर एक कहानी बताते हुए एक दिलचस्प कथा बनाने की कोशिश की है.
गौरतबल है कि यह फिल्म अगले साल फर्श पर जाने के लिए तैयार है. मेघन गुलजार ने कहा, "हम 2021 में शूटिंग शुरू करेंगे, जो हम सभी के लिए अच्छा है क्योंकि इसमें विभाजन, कश्मीर के विभाजन और 1971 के भारत-पाक युद्ध की कहानी को शामिल करने की जरूरत है."