भारत रत्न, पद्म विभूषण और 3 नेशनल अवॉर्ड... वो सिंगर, जिन्हें कभी पतली आवाज कहकर कर दिया था रिजेक्ट
28 सितंबर को `सुरों की मल्लिका` लता मंगेशकर की जयंती है. उन्होंने करियर में काफी गाने गाए. उन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण जैसे सम्मान से भी नवाजा गया था. यही वजह है कि उनका नाम `गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड` में दर्ज है. चलिए बताते हैं उनसे जुड़े किस्से.
लता मंगेशकर एक युग का नाम है. 70 साल तक उन्होंने हिंदी सिने जगत को अपनी मीठी आवाज से बांधे रखा. 28 सितंबर को उनकी जयंती है. चलिए इस मौके पर आपको लता मंगेशकर के किस्से बताते हैं. जैसे एक किस्सा है सिंगर के क्रेडिट से जुड़ा. बात है साल 1948 की, जब एक फिल्म आई 'जिद्दी'. इस फिल्म के गाने गाए थे लता मंगेशकर ने. उन्होंने दिग्गज एक्ट्रेस कामिनी कौशल के लिए आवाज दी थी. गाने इतने पॉपुलर हुए कि हर घर में गूंजने लगे. लेकिन कामिनी कौशल ने एक चीज नोटिस की, कि डिस्क पर सिंगर का नाम ही नहीं है. फिर जो उन्होंने किया, वो अपने आप में इतिहास बन गया.
उस दौर में सिंगर का नाम डिस्क पर नहीं जाता था, सो लता का भी नहीं गया. नाम लिखा गया 'आशा'. ये नाम लता मंगेशकर की छोटी बहन आशा भोसले का नहीं था बल्कि कामिनी कौशल के किरदार का नाम था. वो दौर ही कुछ ऐसा था कि एक्ट्रेस-एक्टर का नाम तो जाता था, लेकिन सिंगर्स को क्रेडिट नहीं दिया जाता था. लेकिन कामिनी कौशल को ये बात अखर गई. उन्हें लता का क्रेडिट लेने में हिचक महसूस हुई. तुरंत, रिकॉर्डिंग कंपनी से गुजारिश की कि उनकी जगह लता का नाम डाला जाए. ऐसा ही हुआ और तब जाकर आशा की जगह लता का नाम लिखा गया। कामिनी कौशल ने खुद एक इंटरव्यू में इसका जिक्र किया था.
पतली आवाज के चलते कर दिया था रिजेक्ट
लता मंगेशकर को साक्षात सरस्वती का अवतार माना जाता रहा है लेकिन, एक वक्त ऐसा भी था जब लता मंगेशकर को उनकी पतली आवाज की वजह से मशहूर निर्देशक ने रिजेक्ट कर दिया था. ये बात है दिलीप कुमार की फिल्म 'शहीद' से जुड़ी. फिल्म के निर्माता एस मुखर्जी थे. उन्होंने इस फिल्म के एक गाने के लिए लता मंगेशकर का ऑडिशन लिया और उन्हें उनकी आवाज इसलिए पसंद नहीं आई क्योंकि उनको लगा कि लता की आवाज काफी पतली है. फिर उन्होंने उन्हें रिजेक्ट कर दिया. लता जी को दिलीप कुमार ने उर्दू सीखने की सलाह दी और उन्होंने भी इसको लेकर कड़ी मेहनत की.
50 हजार गाने
लता मंगेशकर के खाते में 50 हजार से ज्यादा गीत गाने का रिकॉर्ड हैं. महज 13 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत कर दी थी. लता जी ने तो खुद ही कहा था कि वह अपने गाए गाने नहीं सुनती थीं क्योंकि उनको अपने गाए गानों में सैकड़ों कमियां नजर आती थी. वह अपने सबसे पसंदीदा संगीत निर्देशक के तौर पर मदन मोहन का नाम लेती रहीं.
फोटोग्राफी का भी शौक
लता मंगेशकर को उनकी बेहतरीन गायकी के लिए तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिला. अपने 80 साल के लंबे करियर में उन्होंने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गाने गाए थे. उन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण जैसे सम्मान से भी नवाजा गया था. यही वजह है कि उनका नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज है. लता मंगेशकर को 'सुरों की मल्लिका' और 'कोकिला कंठी' के नाम से भी सारी दुनिया जानती है, लेकिन कम लोग जानते हैं कि उन्हें फोटोग्राफी का भी बहुत शौक था.
Latest News in Hindi, Bollywood News, Tech News, Auto News, Career News और Rashifal पढ़ने के लिए देश की सबसे विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट Zee News Hindi का ऐप डाउनलोड करें. सभी ताजा खबर और जानकारी से जुड़े रहें बस एक क्लिक में.
इनपुट: एजेंसी