नई दिल्ली : दिग्गज गीतकार-पटकथा लेखक जावेद अख्तर का कहना है कि दिग्गज उर्दू कवि मिर्जा गालिब का काम केवल भारत में ही अर्थ पा सकता है. अख्तर ने कहा कि गालिब केवल भारत में ही संभव थे. अगर उनका काम इस देश के लिए नहीं होता तो न तो उसका विकास हो पाता और न ही वह संरक्षित रह पाता. उनके काम में उनकी भाषा और गहराई का अर्थ केवल भारत में ही हो सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि संतुलित धर्म में क्या हुआ है कि वे मानते हैं कि एक सर्वोच्च शक्ति है, जो हमारी रचियता है और हम उनकी रचना है लेकिन वेदांत में रचियता और रचना अलग-अलग नहीं है. हम सभी एक हैं, हम सर्वोच्च होने का एक हिस्सा है. यहां नागपाड़ा जंक्शन में गालिब के भित्ति-चित्र के उद्धघाटन पर मीडिया से बात करते हुए अख्तर ने गालिब पर अपने विचार व्यक्त किए. 


जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल: जावेद अख्तर, शबाना आजमी ने बेबाकी से रखी अपनी राय


अख्तर ने यह भी कहा कि गालिब में भावनाओं की समझ का एक उच्च स्तर था. उन्होंने कहा कि फिलोसॉफी के बारे में सबसे अद्भुत चीज है कि यह कभी पुरानी नहीं होती. अन्य कवियों की तुलना में उन्होंने बहुत कम कविताएं लिखी लेकिन फर्क नहीं पड़ता कि आपकी जिंदगी में क्या हालात हैं लेकिन आप उनकी लिखी कविताओं को खुद से जुड़ा हुआ पाएंगे.  उनके पास भावनाओं और उनकी समझ की एक ऐसी ही श्रृंखला थी. 


(इनपुट : IANS)