दुनियाभर में फिल्मों पर करोड़ों-अरबों रुपये बहाए जाते हैं. मगर कुछ फिल्में ऐसी होती हैं कि रिलीज से पहले ही दम तोड़ देती हैं. ठीक ऐसा ही हुआ था एक एक्शन-एडवेंचर फिल्म के साथ. जो दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म बनने वाली थी लेकिन आजतक दर्शक इसे देख ही नहीं पाए. चलिए 'फिल्मों की दुनिया' से इस अनोखी फिल्म का किस्सा सुनाते हैं.


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ये कहानी शुरू होती है चीन के एक अरबपति रियल एस्टेट एजेंट जॉन जियांग से. जिसने सोचा क्यों न वो अपनी अपार दौलत का इस्तेमाल करके इतिहास रचे. उनका सपना था कि वह ऐसी फिल्म बनाए जो 'अवतार' से लेकर 'स्टार वॉर्स' जैसी आधुनिक फिल्मों को टक्कर दे सके और आने वाली पीढ़ियां उनकी फिल्म को याद रखे. बस फिर क्या पैसों का झोला लेकर उन्होंने दुनिया के बड़े बड़े कलाकारों से संपर्क किया और फिल्म बनाने का तय किया. 


फिल्म का नाम
मगर जॉन जियांग ने जैसा सोचा था वैसा हुआ नहीं. जब उन्होंने फिल्म बनाना शुरू किया तो कई तरह की समस्याएं आईं और खूब विवाद भी हुए. जिसके चलते वो अपनी फिल्म बना ही नहीं पाए. ये थी एक हॉलीवुड फिल्म जिसका नाम है 'एम्पायर्स ऑफ द डीप'.


दुनिया की सबसे महंगी अन-रिलीज्ड फिल्म
इस फिल्म के नाम 'दुनिया की सबसे महंगी फिल्म, जो कभी रिलीज ही नहीं हो पाई' का रिकॉर्ड भी दर्ज है. ये अमेरिका और चीन के सहयोग से बन रही थी. शुरुआत में इसका नाम मरमेड आइलैंड रखा गया लेकिन फिर 'एम्पायर्स ऑफ द डीप' टाइटल कर दिया गया. जियांग चाहते थे कि वह 'अवतार' के डायरेक्टर जेम्स कैमरून और 'स्टार वॉर्स' वाले जॉर्ज लुकास जैसा कमाल करें. इसलिए वह वैसी सी स्क्रिप्ट, डायरेक्शन, एक्टिंग और एडिटिंग चाहते थे.


चार साल तो फिल्म लिखने में लग गए
'एम्पायर्स ऑफ द डीप' के स्क्रिप्टिंग में ही 4 साल लग गए. 10 से ज्यादा राइटर्स इससे जुड़े और 40 ड्राफ्ट्स डवलेप किए गए. तब जाकर फिल्म का मोटा-मोटा मसौदा तैयार हुआ और आगे की तैयारियां शुरू हुईं. अवतार की तरह ये फिल्म भी पानी के अंदर की कहानी बताने वाली थी. मतलब कि समुद्र के नीचे और खूबसूरत नजारे शूट होने थे. फिल्म मूल रूप से मर्मेन किंगडम पर बननी थी जो कभी महासागरों की रक्षा किया करते थे.


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10 अरब से भी ज्यादा था बजट
'एम्पायर्स ऑफ द डीप' को बनाने में काफी दिक्कतें आईं. कास्टिंग में भी काफी सोच विचार हुआ तब जाकर ब्लैक विडो फेम ओल्गा कुरीलेन्को को फाइनल किया गया. फिल्म का बजट था 130 मिलियन डॉलर यानी करीब 10.96 अरब. शुरुआत में इसे इरवन केर्शनर को डायरेक्शन के लिए चुना. मगर फिर विवाद के बाद वह इस प्रोजेक्ट से हट गए. इसके बाद दो डायरेक्टर और आए लेकिन उन्होंने भी जल्द ही इसे पल्ला झाड़ लिया.



क्यों पूरी नहीं हो पाई फिल्म
आखिरकार साल 2010 में 'एम्पायर्स ऑफ द डीप' का पहला ट्रेलर रिलीज किया गया और वो भी आधा अधूरा ही. ट्रेलर रिलीज के भी तीन साल बीत गए लेकिन फिल्म अभी भी अधूरी पड़ी थी तब स्पीलबर्ग के साथी रहे माइकल कहान को एडिटिंग के लिए बुलाया गया. ऐसे करते करते 2016 भी आ गया लेकिन फिल्म अभी भी पूरी नहीं हो पाई. मेकर्स को अंत में लगा कि फिल्म के कुछ हिस्से दोबारा शूट करने की जरूरत है तो उन्हें लगा कि फिर पैसे बहाने होंगे तो उन्होंने प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया. बस इस तरह आजतक 'एम्पायर्स ऑफ द डीप'  रिलीज न हो पाई.


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