Raj Kapoor का पूना वाला फार्म हाउस, 5-6 दोस्त और बन गई ‘राम तेरी गंगा मैली’, रणधीर कपूर को हो गई थी टेंशन!
Ram Teri Ganga Maili: फिल्मों की कहानी तो हर कोई जानता है लेकिन उनके बनने के पीछे कितने दिलचस्प और मजेदार किस्से होते हैं वो कम ही सुनने को मिलते हैं. राम तेरी गंगा मैली की स्क्रिप्ट तैयार करने के पीछे भी अनूठी कहानी है जिसके तीन पात्र हैं. एक राज कपूर, दूसरे रविंद्र जैन और तीसरा राज कपूर का पूना वाला फार्म हाउस.
Raj Kapoor Movie Ram Teri Ganga Maili: राज कपूर के बारे में हमें परिचय देने की जरूरत नहीं है वो खुद ही में सिनेमा थे. उनकी बनाई फिल्में आज भी याद की जाती है. उन्हीं में से एक थी राम तेरी गंगा मैली (Ram Teri Ganga Maili)..जो अपने जमाने की हिट फिल्म रही और देखा जाए तो ये आज के दौर में भी प्रासंगिक है. इसी फिल्म के बनने से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा खुद रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) ने एक बार सुनाया था. जिसके तीन किरदार थे एक तो राज कपूर (Raj kapoor) खुद, दूसरे रविंद्र जैन और तीसरा राज कपूर का पूना वाला फार्म हाउस.
रविंद्र जैन का एक गाना..और जली राज कपूर के दिमाग की बत्ती
ये बात राम तेरी गंगा मैली के बनने से पहले की है जब दिल्ली में एक शादी समारोह था जिसमें राज कपूर ने बेटे रणधीर कपूर के साथ शिरकत की. उस महफिल में म्यूजिक कंपोजर रविंद्र जैन ने एक गाना गाया. उसके बोल कुछ यूं थे- एक राधा, एक मीरा...दोनों ने श्याम को चाहा. ये गाना जब राज कपूर ने सुना तो वो इसके मुरीद बन बैठे. वो वाह-वाह करते रहे और इस गाने को बार-बार सुनते रहे. उन्हें ये गाना इतना पसंद आया कि सवा रूपया देकर उसे अपना बना लिया और मुंबई वापस लौट आए.
मुंबई लौट तो आए लेकिन इस गाने को नहीं भूले. अगले ही दिन बेटे रणधीर कपूर को बुलाकर कहा कि शाम को कुछ लोग दावत पर उनके घर आएंगे. तैयारी शुरू हुई...महफिल लगी...गाने बजाने का इंतजाम हुआ और देखा तो रविंद्र जैन चले आ रहे हैं. जैसे ही महफिल जमी तो राज कपूर ने फरमाइश कर दी...
’जरा बच्चों को मेरा वाला गाना तो सुनाइए’
ये सुनते ही रणधीर कपूर का माथा ठनक गया क्योंकि वो पहले ही इस गाने को सुन-सुनकर बोर हो चुके थे. लेकिन पिता राज कपूर के आगे भला किसकी चलती. गाना सुनकर कपूर साहब खिल उठे. तब मौका देखकर उन्होंने अपनी दिली इच्छा जाहिर की वो इच्छा राम तेरी गंगा मैरी के विचार पर ही जुड़ी थी जिसकी कहानी की राज कपूर मूर्त रूप नहीं दे पा रहे थे. रविंद्र जैन उनके मन की बात को भांप गए तुरंत ही दो लाइने तुरंत सुना दी और राज कपूर इतने खुश हुए कि बेटे रणधीर को पास बुलाया और कहा-
‘25 हजार का चेक ले आओ.’
बुझे मन से रणधीर चेक लाए और उन्होंने वो चेक रविंद्र जैन को दे दिया. असल कहानी तो तब शुरू हुई जब दो दिन बाद पता चला कि राज कपूर 5-6 लोगों के साथ पूना वाले फार्म हाउस चले गए थे. 4 दिन के बाद वो लौटे तो बेहद खुश थे. उन्होंने आते ही रणधीर को बताया कि वो फिल्म बनाने जा रहे हैं जिसके सभी गाने तैयार कर लिए गए हैं. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि फिल्म की कहानी का कहीं अता पता नहीं था. लेकिन उन सुपरहिट गानों और राज कपूर के उस आइडिए की बदौलत राम तेरी गंगा मैली वो इकलौती फिल्म बनी जिसके पहले गाने बने और फिर उन गानों की सिचुएशन को देखते हुए फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की गई.
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