Madhumati: हिंदी सिनेमा के सौ साल से ज्यादा के इतिहास की अगर सबसे रोमांटिक फिल्मों (Bollywood Romantic Films) की लिस्ट बने तो उसमें बिमल रॉय (Bimal Roy) की मधुमती (Madhumati) को कोई नहीं छोड़ पाएगा. 1958 में आई इस फिल्म के बारे हालांकि सिनेमा के कुछ विद्वानों का मानना है कि वास्तव में यह पुनर्जन्म की कहानी पर आधारित हॉरर फिल्म (Horror Film) है, जिसमें संगीत और रोमांस को इस तरह से पिरोया गया है कि आप कहानी से पैदा होने वाले डर को भूल जाते हैं. कहानी एक ऐसे युवक (दिलीप कुमार) की है, रेलयात्रा के दौरान भूस्खलन की वजह से जिसका आगे का सफर रुक जाता है. तब वह दोस्त के साथ एक पुरानी हवेली में जाता है. यहां उसे महसूस होता कि जगह उसकी देखी हुई है और होते-होते उसके सामने अपने पिछले जन्म की कहानी खुलती जाती है. यह बेहद रोमांचक फिल्म है, जिसने हिंदी सिनेमा पर गहरा असर डाला.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आगे आए दिलीप कुमार
वास्तव में शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की दो ब्लॉबस्टर फिल्मों से दिलीप कुमार (Dilip Kumar), वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) और प्राण (Pran) स्टारर फिल्म का कनेक्शन है. फिल्म को 60 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन आज भी यह दर्शकों को लुभाती है. इस फिल्म की कहानी, निर्देशन, कलाकारों का अभिनय और इन्हीं सबकी तरह असरदार इसका संगीत. मधुमती 1958 में हिंदी की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. जबकि इसकी रिलीज से पहले यह स्थिति थी कि निर्माता-निर्देशक बिमल रॉय के पास वितरकों को फिल्म दिखाने के लिए पैसे नहीं थे. उनकी जेब खाली थी. तब दिलीप कुमार ने फिल्म का शो आयोजित किया था.



बढ़ता गया बजट
मधुमती उस समय के हिसाब से बड़े बजट की फिल्म थी. उन दिनों जब फिल्म स्टूडियो में शूट की जाती थी, बिमल रॉय ने मधुमती को पहाड़ों-जंगलों में वास्तविक लोकेशनों पर शूट किया. लेकिन उसमें भी नैनीताल की पहाड़ियों में शूट हुए बहुत सारे सीन धुंध की भेंट चढ़ गए. उन दिनों शूट करने के बाद सीन देखने के लिए मॉनीटर नहीं होते थे. तब उन्होंने मुंबई और नासिक में फिर से धुंधले हो गए जंगलों के दृश्यों को शूट किया. इस तरह फिल्म का बजट बढ़ गया. लेकिन फिल्म इतनी शानदार बनी कि रिलीज होने पर तहलका मचा दिया. हॉरर, प्रेम, गीत-संगीत और दिलीप कुमार-वैजयंतीमाला की जोड़ी ने जादू पैदा किया. फिल्म को उस साल 12 कैटेगरी में फिल्मफेयर अवार्ड का नॉमिनेशन मिला. फिल्म ने नौ अवार्ड जीते. 37 साल तक यह रिकॉर्ड कायम रहा. शाहरुख खान की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (Dilwale Dulhania Le Jayenge) ने 1996 में दस फिल्मफेयर ट्रॉफियां जीतकर यह रिकॉर्ड तोड़ा.


होती गई नकल
शाहरुख खान की एक और ब्लॉकबस्टर से मधुमती का कनेक्शन है. 2007 में आई शाहरुख खान-दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) स्टारर ओम शांति ओम (Om Shanti Om) के स्टोरी आइडिये से लेकर कई दृश्य इस फिल्म से प्रेरित थे. क्लाइमेक्स तो बिल्कुल नकल जैसा मालूम पड़ता है. दोनों फिल्मों के क्लाइमेक्स में इतनी समानता थी कि बिमल रॉय की बेटी रिंकी भट्टाचार्य (Rinki Bhattacharya) ने ओम शांति ओम के निर्माताओं को लीगल नोटिस की धमकी दी थी. 2014 में रिंकी भट्टाचार्य ने मधुमती पर किताब लिखी, बिमल रॉय्स मधुमतीः अनटोल्ड स्टोरीज फ्रॉम बिहाइंड द सीन्स (Bimal Roy's Madhumati: Untold Stories from Behind the Scenes). मधुमती के बारे में यह भी कहा जाता है कि इससे प्रेरित होकर हॉलीवुड में फिल्म बनी थी, द रीइनकारनेशन ऑफ प्रीटर प्राउड (1975). जिससे इंस्पायर होकर फिर सुभाष घई ने कर्ज (1980) बनाई. समझा जा सकता है कि मधुमति ने किस तरह से सिनेमा को प्रभावित किया. मधुमती को आप अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) और यूट्यूब (Youtube) पर देख सकते हैं.