नई दिल्ली: वैसे तो बॉलीवुड में कई स्टार्स ने दमदार डेब्यू किया है, लेकिन अजय देवगन का डेब्यू इतना खास था कि उस दौर का हर युवा बस दो बाइक पर खड़े होने की कोशिश करता नजर आता था. क्योंकि अजय का इंट्रोडक्शन सीन था ही इतना जबरदस्त जिसकी बॉलीवुड में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शॉट के पीछे की कहानी भी इतनी ही रोचक है. इसके पीछे एक दो नहीं बल्कि कई सालों की तैयारी थी.  


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जी हां! वैसे तो हजार पिता का सपना होता है कि उसका बेटा उससे ज्यादा नाम कमाए. लेकिन हर पिता इस सपने को पूरा करने के लिए शायद इतनी तैयारी और मेहनत नहीं करते जितनी अजय देवगन के पिता और बॉलीवुड के महान एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन ने की थी. आपको जानकर हैरत होगी कि जिस दिन अजय देवगन पैदा हुए थे उस दिन से वीरू ने उनके दमदार डेब्यू के लिए योजना बनानी शुरू कर दी थी. 



जब अजय देवगन की डेब्यू फिल्म 'फूल और कांटे' रिलीज हुई तो उस दौर की लीडिंग फिल्म मैगजीन में छपे एक इंटरव्यू में वीरू ने बताया था, 'जिस दिन अजय का जन्म हुआ उस दिन से मैंने अपने बेस्ट सीन्स को बचाकर रखना शुरू कर दिया था.' कहते हैं यह बात वीरू कई बार जाहिर कर चुके थे की उनका बेटा एक से नहीं बल्कि दो बाइक पर सवार होकर बॉलीवुड में कदम रखेगा.


बता दें की बेस्ट एक्शन डायरेक्टर रहे वीरू देवगन ने सोमवार सुबह अपनी आखिरी सांस ली. सामने आई खबरों के मुताबिक वीरू देवगन पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. मुंबई के सांताक्रूज हॉस्पिटल में एडमिट वीरू देवगन की कार्डिक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया. 



गौरतलब है कि वीरू देवगन 14 साल की उम्र में 1957 में बॉलीवुड का सपना देकर अमृतसर से भागकर मुंबई आ गए थे. बिना टिकट ट्रेन में सफर करने की वजह से वीरू देवगन को हफ्ते भर जेल में गुजारने पड़े थे. वीरू देवगन आए तो थे हीरो बनने लेकिन शुरुआती दिनों के स्ट्रगल के बाद उन्होंने अपना इरादा बदल दिया. कारपेंटर से लेकर एक्शन डायरेक्टर तक का शानदार सफर तय करने वाले वीरू देवगन ने अपने करियर में करीब 3 दर्जन से ज्यादा फिल्मों में स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्होंने डायरेक्शन और बतौर फिल्म प्रोड्यूसर भी इंडस्ट्री में काम किया.


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