Vidhu Vinod Chopra on Nana Patekar: हाल ही में अभिनेता नाना पाटेकर ने अपने एक इंटरव्यू में डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा के साथ काम करने के अपने एक्सपीरिएंस को शेयर किया. नाना पाटेकर ने 1989 में आई फिल्म 'परिंदा' में काम किया था, जिसे विधु विनोद चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था. नाना पाटेकर ने बताया था कि वे अक्सर सेट पर झगड़ते थे. इसके साथ ही नाना पाटेकर ने ये भी कहा कि वह हर मुलाकात के बाद चाहते हैं कि विधु विनोद चोपड़ा से ये उनकी आखिरी मुलाकात हो. दरअसल, नाना पाटेकर और विधु विनोद चोपड़ा दोनों ही अपने गुस्से के कारण जाने जाते हैं. पिछले साल आई फिल्म '12वीं फेल' के प्रमोशन के दौरान विधु विनोद चोपड़ा ने 'परिंदा' के सेट पर नाना पाटेकर संग अपने झगड़े के बारे में भी बात की थी.


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सिंगिंग रिएलिटी शो 'सा रे गा मा पा' के होस्ट आदित्य नारायण ने विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) से नाना पाटेकर (Nana Patekar) संग उनके सेट पर रिश्ते के बारे में सवाल किया था. इसका जवाब देते हुए विधु विनोद चोपड़ा ने कहा था कि उनके झगड़े और नोंकझोंक के कई किस्से हैं. विधु विनोद चोपड़ा ने कहा था, ''मैंने नाना को 'पुरुष' नाम के एक नाटक में देखा था, और यह कहना बहुत जरूरी है, लेकिन उन दिनों, मैं कभी गाली नहीं देता था. मैं कश्मीर का एक बहुत ही अच्छे व्यवहार वाला युवक था, लेकिन नाना की वजह से ये सब बदल गया.''


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'मैंने सिर्फ इसलिए गालियां देना शुरू कर दिया, क्योंकि मुझे नाना को डायरेक्ट करना था'
फिल्ममेकर ने आगे कहा, ''जब मैं किसी सीन में उन्हें डायरेक्टर करता था, तो वह मुझे गालियां देते थे. मुझे हैरानी हुई कि आखिर मैं उन्हें कैसे डायरेक्ट करूंगा. तो, तभी मैंने उन्हें वापस गाली देना शुरू कर दिया. मैंने सिर्फ इसलिए गालियां देना शुरू कर दिया, क्योंकि मुझे नाना को डायरेक्ट करना था.'' एक सीन के बारे में याद करते हुए विधु विनोद चोपड़ा ने कहा, ''फिल्म में एक सीन है, जहां नाना पूछते हैं कि क्या उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद उनकी आंखों में आंसू हैं... हम पूरे दिन शूटिंग कर रहे थे, और शाम हो चुकी थी.''


'हाथापाई में मैंने नाना पाटेकर का कुर्ता फाड़ दिया'
विधु विनोद चोपड़ा ने आगे कहा, ''नाना ने ऐलान किया कि वह इतना थक गए हैं कि आगे नहीं बढ़ सकते और वह घर जा रहे हैं. मैंने उनसे कहा, 'जरूर, आप ओवरहेड्स के लिए भुगतान करेंगे.' वह मुझे गालियां देने लगे, मैंने भी गालियां दीं और हाथापाई में मैंने उनका कुर्ता फाड़ दिया. सेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कहा, 'हम आपकी सुरक्षा के लिए यहां हैं, और आप आपस में लड़ रहे हैं'.''


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'इस तरह परिंदा बनाई गई'
इस लड़ाई-झगड़े के बीच अचानक कैमरामैन ने ऐलान किया कि शॉट रेडी है. विधु विनोद चोपड़ा एक तरफ हट गए और नाना पाटेकर ने तुरंत उनकी जगह ले ली. उन्होंने याद करते हुए कहा, ''अगर आप सीन देखेंगे तो पाएंगे कि उन्होंने बनियान पहन रखी है, क्योंकि उनका कुर्ता अभी फटा हुआ था. आप उनकी आंखों में जो आंसू देख रहे हैं, वे वास्तविक हैं, क्योंकि हम अभी-अभी लड़े हैं. बाद में, हमने एक-दूसरे को गले लगाया और उन्होंने मुझसे कहा, 'मैं इस सीन को लेकर घबराया हुआ था.' इस तरह परिंदा बनाई गई.''


खाने को लेकर शुरू हुई थी नाना पाटेकर और विधु-विनोद चोपड़ा की लड़ाई
विधु विनोद चोपड़ा ने कहा कि फिल्म केवल 12 लाख रुपये के बजट पर बनाई गई थी, और वे खाने-पीने का खर्च भी नहीं उठा सकते थे. उन सभी को अपना खाना खुद लाना था, और उनका पहला झगड़ा नाना पाटेकर द्वारा दोपहर का भोजन मांगने को लेकर था. फिल्ममेकर ने कहा, ''हमारी पहली लड़ाई खाने को लेकर हुई थी, क्योंकि उन्होंने दोपहर का खाना मांगा था. मैंने उनसे पूछा, 'घर से नहीं लाए खाना'?'' बता दें कि हाल ही में लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में नाना पाटेकर ने विधु विनोद चोपड़ा के बारे में बाद करते हुए कहा था कि वह डायरेक्टर पर इसलिए गुस्सा होते थे, क्योंकि वह एक्शन बहुत ही तेज आवाज में बोलते थे. नाना पाटेकर ने कहा था, ''जब भी मैं उनसे मिलता हूं, मैं चाहता हूं कि यह आखिरी हो.''