Waheeda Rehman Song: पद्मश्री और पद्म भूषण जैसे पुरस्कारों के बाद अब दादा साहेब अवार्ड (Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित वहीदा रहमान का करियर साफ-सुथरा रहा है. लेकिन उनके एक गाने पर सेंसर बोर्ड ने केवल एक शब्द को लेकर को ऐसी आपत्ति की थी कि पूरा गाना ही फिल्म से हटाना पड़ गया था. मामला है, 1956 में आई फिल्म सीआईडी (Film CID) के गाने का. फिल्म में देव आनंद (Dev Anand) वहीदा रहमान थे. फिल्म के एक गाने, जाता कहां है दिवाने सब कुछ यहां है सनम... पर सेंसर ने आपत्ति दर्ज की. इस विवाद के दो वर्जन मिलते हैं, कुछ का कहना है कि सेंसर को गाने में आने वाले ‘फिफी’ शब्द पर आपत्ति थी. नतीजा यह कि फिल्म से गाना हटा दिया गया. दूसरा वर्जन इससे जरा अलग है.


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शब्द पर आपत्ति
सीआईडी अपने समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में है. देव आनंद और वहीदा रहमान के करियर में इसे सबसे कामयाब फिल्मों में गिना जाता है. वह समय था, जब गाने फिल्म से काफी पहले रिलीज हुआ करते थे. यह गाना भी महीनों पहले रिलीज हुआ और हिट हो गया. रेडियो पर खूब बजा. मगर जब फिल्म सेंसर बोर्ड में गई, तो इस गाने को फिल्म में रखने की इजाजत नहीं दी गई. कुछ फिल्म इतिहासकार बताते हैं कि गाने के बोल में ‘फिफी’ शब्द आता है और सेंसर को कुछ सदस्यों का कहना है कि यह ‘फिफी’ क्या है. जिसमें नायिका गा रही हैः कुछ मेरे दिल में फिफी, कुछ तेरे दिल में फिफी, जमाना है बुरा. सेंसर ने ‘फिफी’ को आपत्तिजनक और अश्लील बताया. उन्होंने कहा कि इसे बदलें या हटाएं.


गाने का मीटर
फिल्म के संगीत निर्देशक ओपी नय्यर ने कहा कि यह सिर्फ शब्द गाने के मीटर में फिट हो रहा था, इसलिए डाल दिया. जबकि इसका कोई मतलब नहीं है. परंतु सेंसर को बात जमी नहीं. गाने की एक और बात सेंसर बोर्ड के सदस्यों को अच्छी नहीं लगी. उन दिनों के सेंसर के अनुसार, एक सीआईडी अफसर (देव आनंद) पर नेगेटिव कैरेक्टर वाली लड़की (वहीदा रहमान) ऐसे गाना गाकर अपना जादू नहीं चला सकती. इससे समाज में अच्छा मैसेज नहीं जाता. गाने को जिस तरह से फिल्माया गया था, उसके मुताबिक हीरो खलनायिका बनी वहीदा रहान के जाल में उलझता जाता है.



सब कुछ यहां है सनम
गाने के बारे में वहीदा रहमान का भी पक्ष आया. उन्होंने कहा कि सेंसर को फिफी पर आपत्ति नहीं थी. असल में गाने की जो लाइन है, जाता कहां है दीवाने, सब कुछ यहां है सनम.... यह सेंसर बोर्ड को ठीक नहीं लगी. सेंसर बोर्ड ने कहा था कि इन लाइनों को बदलकर गाना फिर से शूट हो. वहीदा के अनुसार सेंसर का कहना है था कि लड़की के मुंह से यह कहलवाना कि सब कुछ यहां है सनम आपत्तिजनक है. मगर गाना बदला नहीं जा सका क्योंकि देव आनंद किसी और फिल्म की शूटिंग के लिए विदेश में थे. सीआईडी का निर्माण गुरु दत्त ने किया था. उन्होंने गाने को फिल्म से हटाने का फैसला किया. खैर, 2015 में निर्देशक अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म बॉम्बे वेलवेट में इस गाने का इस्तेमाल किया और इसका नया वर्जन बनाया. पुराना गाना आज भी यूट्यूब पर मौजूद है. आप सुन सकते हैं.