आजकल आपने एक बात नोटिस की होगी. कई फिल्मों को री-रिलीज किया जा रहा है. हाल में ही अविनाश तिवारी और तृप्ति डिमरी की 'लैला मजनू' को थिएटर में दोबारा रिलीज किया गया. आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन रिस्पॉन्स काफी तगड़ा आ रहा है. साल 2018 में जब ये फिल्म पहली बार रिलीज हुई थी तो इसने 3.20 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था. लेकिन 6 साल बाद इसकी री-रिलीज ने महज 4 दिन में 2.85 करोड़ का बिजनेस कर लिया है. ये दिखाता है कि री-रिलीज का चलना कितना सक्सेसफुल रहा है. कोविड के बाद से आपने पुरानी फिल्मों के री-रिलीज की कई खबरें सुनी होंगी. लेकिन जानते हैं क्यों आजकल ये ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. चलिए एक्सपर्ट्स से समझते हैं.


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15 अगस्त पर बॉक्स ऑफिस कई फिल्मों से गुलजार है. श्रद्धा कपूर-राजकुमार राव की 'स्त्री 2', अक्षय कुमार की खेल खेल में तो जॉन अब्राहम की फिल्म 'वेदा' भी रिलीज हो रही है. नई फिल्मों में से कौन बाजी मारेगा ये तो वक्त बताएगा. मगर इस वक्त तो थिएटर में लैला मजनू ने लोगों का दिल जीत लिया है.


ये पहला मौका नहीं है जब किसी फिल्म ने सिनेमाहॉल पर हल्ला बोला हो. इससे पहले पिछले हफ्ते सूरज बड़जात्या की 'हम आपके हैं कौन' रिलीज हुई थी. 30वीं सालगिरह के मौके पर इसे रिलीज किया गया. इससे पहले रॉकस्टार,जिंदगी न मिलेगी दोबारा से लेकर जब वी मेट जैसी फिल्मों को फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया गया.


कब और कैसे शुरू हुआ फिल्मों को री-रिलीज करने का चलन
'ई-टाइम्स' के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये ट्रेंड्स साल 2022 में वापस आया जब फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और पीवीआर ने हाथ मिलाया. ये मौका था अमिताभ बच्चन के 80वें जन्मदिन का. तब वह 11 ब्लॉकबस्टर फिल्में दीवार, डॉन, अमर अकबर एंथनी समेत कई फिल्में वापस लेकर आए. 17 शहरों में इन फिल्मों की स्क्रिनिंग हुई थी.


बड़ी बड़ी फिल्मों को किया गया री-रिलीज
इसके बाद फिल्म हैरिटेज ने देवानंद की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी पर भी कुछ ऐसा ही किया. तब 'CID', 'गाइड', 'जॉनी मेरा यार' जैसी फिल्मों को दोबारा बड़े पर्दे पर लाया गया. जिन्हें पब्लिक ने काफी अच्छा रिस्पॉन्स दिया. फिर शाहरुख खान की कुछ कुछ होता है के 25 साल पूरे होने के मौके पर भी करण जौहर ने ये फैसला लिया.


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ओटीटी पर मौजूद है ये फिल्में तो फिर क्यों थिएटर जा रहे दर्शक
अब सवाल ये उठता है कि ओटीटी पर भी ये फिल्में अच्छे प्रिंट में मौजूद है तो आखिर क्यों दर्शक थिएटर में पुरानी फिल्मों को देखना पसंद कर रहे हैं. इसे लेकर सिनेपोलिस इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर देवांग संपत ने कहा, 'पुरानी फिल्मों को दोबारा रिलीज करने के पीछे बहुत सारी पुरानी यादें हैं. लोग क्लासिक सिनेमा से जुड़ना चाहता है. वह एन्जॉय कर रहा है थिएटर में इन फिल्मों को देखकर. ये एक पॉजिटिव साइन है कि नई पीढ़ी पॉपुलर फिल्मों को लेकर इतनी एक्साइटेड है.'