2 दिसंबर की सुबह करीब 3 बजे विक्रांत मैसी इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट करते हैं. इसमें वह फिल्मों से रिटायरमेंट का फैसला सुनाते हैं. सुबह होते-होते ये खबर आग की तरह फैल चुकी थी. सब फैंस के दिमाग में सिर्फ एक ही सवाल था कि 37 साल की उम्र और 17 साल के करियर के बाद आखिर क्यों उन्होंने ये फैसला लिया. वो भी तब जब वह करियर की पीक पर थे. टीवी से फिल्मों में आना कितना कठिन होता है, लेकिन वह बॉलीवुड के शानदार कलाकारों में शुमार हो चुके थे. सोशल मीडिया के तथाकथित जज तो अपना फैसला भी सुनाने लगे हैं. कोई कह रहा है कि धमकियों से परेशान  होकर उन्होंने ये तय किया तो फिर कोई कह रहा है बॉलीवुड माफिया से वह तंग आ चुके थे. 


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अरे भई...बतौर फैन हम सबको ही बुरा लगा और बहुत शॉकिंग लगा कि आउटसाइड कलाकार अब स्टार बन चुका था. संभव था कि आगे चलकर वह बड़े सुपरस्टार को भी टक्कर देते. लेकिन हर इंसान की जिंदगी से अलग-अलग ख्वाहिशें होती हैं. हर कोई बॉलीवुड में सलमान खान-शाहरुख खान या अमिताभ बच्चन बनने नहीं आता है. हां, वह काम करना चाहता है, नाम कमाना चाहता है, अपने काम से औरों को प्रभावित करना चाहता है लेकिन जरूरी तो नहीं कि सब सुपरस्टार ही बनना चाहे. 


मुझे लगता है कि हर इंसान की अपनी अलग खूबी होती है. अगर अमिताभ बच्चन सदी के महानायक बने तो क्या कोई दूसरा ये कर पाया? नहीं न.. इसी तरह शाहरुख खान को ही ले लीजिए, वह किंग खान बने और उनकी जगह कोई और कतई नहीं ले सकता. ठीक ऐसे ही, आमिर खान की इमेज अलग है तो सलमान खान की अलग. फिर एक्टिंग के महारथी की बात की जाए तो मनोज बाजपेई, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी और अब राजकुमार राव.. इन सब सेलेब्स की अपनी एक ऑडियंस और इमेज है और सब अलग अलग वजह से पॉपुलर हैं. कोई किसी की जगह नहीं लेता. न ही कोई किसी को रिप्लेस करने के मकसद से आता है. विक्रांत मैसी की भी अपनी जर्नी रही है और उन्होंने इन सालों में जो हासिल किया वो इन सब से इतर था.



वैसे तो विक्रांत मैसी ने फिल्में छोड़ने का कारण परिवार को बताया है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वह परिवार के पास लौटे. वह हमेशा ही परिवार के लिए प्रोटेक्टिव रहे हैं. जब 'साबरमती रिपोर्ट' के बीच उन्होंने धमकी मिलने वाली बात बताई थी तो उन्होंने साफ कहा था कि उनका बेटा अभी बस कुछ महीने का है और लोग उन्हें भी घसीट रहे हैं. वह इस बात से काफी परेशान भी थे.


'रेडिट' पर विक्रांत मैसी के बॉलीवुड छोड़ने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'जिन्हें रिटायर होना चाहिए वह अपनी आधी उम्र की लड़की के साथ नाच रहे हैं. और एक आप जैसा कलाकार है जिन्होंने करियर छोड़ दिया.' कई लोग है इसे पीआर स्टंट और राजनीति जॉइन करने जैसे कयास भी लगा रहे हैं. वहीं कईयों का कहना है कि बॉलीवुड माफियाओं सें तंग आकर उन्होंने करियर छोड़ दिया.


अब सच क्या है ये विक्रांत मैसी ही बता सकते हैं. लेकिन अभी उनके फैसले पर उंगली उठाना और किसी ओर को घसीटना कतई ठीक नहीं है. बतौर फैन बुरा लगना लाजमी है. उनकी मेहनत को हम सबने 17 साल देखा है. सुशांत सिंह राजपूत की तरह वह भी उन चुनिंदा सितारों में से थे जो आउटसाइडर होकर भी पहले टीवी पर छाए और फिर फिल्मों में.


उन्होंने करियर की 2007 से 'धूम मचाओ धूम' से की थी. मगर उन्हें घर-घर में पहचान मिली 'बालिका वधू' के 'श्याम' के रूप में. इसके बाद तो वह कई सीरियल और वेब सीरीज करते चले गए. एक कलाकार के रूप में टीवी से फिल्मों का रुख करना मुश्किल भरा होता है. टीवी वाली छवि तोड़ना और फिर फिल्मों में काम हासिल करना, सिर्फ और सिर्फ मेहनत, टेलेंट और जुनून से ही हो सकता था. और ये सब खूबी विक्रांत मैसी में कूट-कूटकर भरी थी.


टीवी से वह फिल्मों में छोटे मोटे रोल में आए. फिर सपोर्टिंग रोल से उन्होंने लीड चेहरा बनने के लिए दिन रात एक किया. मगर करियर का वर्ल्डकप तो उन्हें मिला विधु विनोद चोपड़ा की '12वीं फेल' से, जिसने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर बल्कि तमाम अवॉर्ड शो में डंका बजा दिया था. पर किसी ने सोचा भी नहीं था कि विक्रांत मैसी इस तरह करियर का वर्ल्डकप जीतने के बाद ही एक दिन अचानक ये फैसला सुना देंगे. खैर, अभी हम सबको धीरज रखना चाहिए. सही समय आने पर एक्टर खुद इस फैसला का सही कारण बता देंगे.


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डिस्केलमर: लेख में व्यक्त विचार लेखक/लेखिका के निजी है.


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