नई दिल्ली: कोरोना महामारी से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है मार्च से लगे लॉकडाउन में मजदूर जहां थे, वहीं फंसे रह गए. इससे प्रभाव ऐसा पड़ा, कि मजदूर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर घर की ओर चल पड़े, ऐसे में कई सरकारी व सामाजिक संस्था गरीब व मजदूर लोगों की मदद के लिए सामने आई. 


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ऐसे में जाने माने समाज सेवक व फिल्मकार दीपक सारस्वत ने ऐसा किया जो आज इंसानियत का उदाहरण बन गया मायानगरी मुंबई स्थित, अंधेरी, मालाड, गोरेगांव में भटक रहे गरीब मजदूर व भिखारी जिनका रहना, खाना पीना दूभर हो गया था, दीपक सारस्वत व उसकी टीम ने पहले 2 हफ्ते गोरेगांव व मालाड स्टेशन से थोड़ी दूर अलग अलग जगह कैम्प लगा कर उनके रुकने की व्यवस्था कार्रवाई, फिर खाने पीने की व्यवस्था के लिए कई सामाजिक संस्थाओं व व्यक्तिगत लोगों से मदद की गुहार लगाई. 


आज उन कैम्प में करीब 200 मजदूर फंसे हैं, जिन्हें अपने अपने राज्यों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है. इस राहत कार्य में सारस्वत बताते है की उन्होंने इस वर्ष की निजी जमापूंजी व उनकी आगामी हिंदी फीचर फिल्म की लागत भी लगा दी ताकि कोई मजदूर भाई भूखा ना रह पाए. यूं तो दीपक सारस्वत पहले भी समाज सेवा के कई कार्य कर चुके हैं, किसी के साथ अन्याय हुआ हो या कोई ग़रीब परेशान हुआ,  सारस्वत उसकी मदद के लिए खड़े नजर आए.


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